दिल्ली । आशुतोष पाण्डेय । निर्भया कांड की तरह हाथरस में हुई घटना ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक हाथरस की बिटिया को न्याय दिलाने की मांग हो रही है। अब यह इत्तेफाक ही है कि निर्भया मामले में जिन 2 वकीलों ने केस की पैरवी कोर्ट में की थी वे एक बार फिर आमने-सामने हो सकते हैं। निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा दिलाने वाली अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा ने हाथरस कांड की पीड़िता का केस लड़ने की बात कही है। वहीं, निर्भया कांड के दोषियों का केस लड़ने वाले अधिवक्ता एपी सिंह से हाथरस के आरोपियों के परिजनों ने संपर्क किया है। तो वहीं इस को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई/एसआईटी जाँच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होनी है। एस दूबे की इस याचिका में ट्रायल उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर की मांग की गई है।
पत्र में कहा गया है कि हाथरस केस के माध्यम से एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग करके सवर्ण समाज को बदनाम किया जा रहा है, जिससे खासतौर से राजपूत समाज बेहद आहत हुआ है। ऐसे में इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए मुकदमे की पैरवी आरोपी पक्ष की तरफ से एपी सिंह के द्वारा कराने का फैसला किया गया है।
पीड़िता के परिवार की तरफ से निर्भया मामले से चर्चा में आईं अधिवक्ता सीमा कुशवाहा को नियुक्त किया गया है। उन्होंने वकालतनामा पर हस्ताक्षर भी कर दिया है। सीमा कुशवाहा ने कहा है कि वह जल्द ही सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर मुकदमे की सुनवाई दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग करेंगी। उन्होंने बताया कि जब तक मामला उत्तर प्रदेश से बाहर नहीं किया जाएगा, हाथरस की बेटी को इंसाफ नहीं मिलेगा। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए वह पूरा प्रयास करेंगी। उन्हें पूराी उम्मीद है कि एक दिन हाथरस की बेटी को न्याय मिलेगा और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी।