चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय में यौन उत्पीडऩ के खिलाफ दिल्ली में एबीवीपी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन


कार्यकर्ताओं के उग्र तेवर देख भारी संख्या में तैनात पुलिस-प्रशासन

यौन उत्पीडऩ करने वाले के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई

ब्यूरो, नई दिल्ली। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय में यौन उत्पीडऩ के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मामले को गंभीरता से उठाया है। इसके विरोध में कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया और डीएमके सरकार द्वारा लोकतांत्रिक विरोध के दमन की निंदा की। कार्यकर्ताओं के उग्र तेवर देख भारी संख्या में पुलिस-प्रशासन के अधिकारी तैनात किये गये। दूसरी तरफ, तमिलनाडु एबीवीपी राज्य सचिव युवराज डी और दो अन्य कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुयी। एबीवीपी के अनुसार घटना की रात बिरयानी बेचने वाला डी. ज्ञानसेकरन, विश्वविद्यालय परिसर में घुस आया। पीडि़ता के पुरुष दोस्त पर हमला किया और ब्लैकमेल करने की धमकी देकर युवती का यौन उत्पीडऩ किया।

गिरफ्तारी में देरी होने का आरोप लगाते हुये एबीवीपी ने कहा कि यौन उत्पीडऩ रोकथाम, पीओएसएच अधिनियम के तहत औपचारिक शिकायत दर्ज कराने में पीडि़ता की हिम्मत के बावजूद, तमिलनाडु पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी में 12 घंटे की देरी की। इस दौरान, पीडि़ता की एफ आईआर सहित संवेदनशील विवरण डीएमके से जुड़े मीडिया आउटलेट्स को लीक कर दिये गये इससे उसका दुख और बढ़ गया। पता चलने के बाद कि आरोपी डीएमके से जुड़ा है, पार्टी की गतिविधियों में भाग लेता है और उप- मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन के साथ तस्वीरों में दिखाई देता है, लोगों में आक्रोश बढ़ गया है।

अन्ना विश्वविद्यालय के एक सिंडिकेट सदस्य के रूप में, स्टालिन सीधे तौर पर उन खामियों में शामिल हैं, जिनकी वजह से परिसर में ऐसा अपराध हुआ। इस पर एबीवीपी पूरे तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन कर रही है। अन्ना विश्वविद्यालय में सुरक्षा विफ लता के लिये जवाबदेही और पीडि़ता के लिये न्याय की मांग कर रही है। हालांकि, तमिलनाडु सरकार ने असहमति को दबाने का सहारा लिया है। शुक्रवार को सुबह 4 बजे एबीवीपी के तमिलनाडु राज्य सचिव युवराज डी और दो अन्य कार्यकर्ताओं को पुरासईवाक्कम स्थित एबीवीपी के तमिलनाडु राज्य कार्यालय से गिरफ्तार किया गया। एबीवीपी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने एबीवीपी पर हुई इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताते हुये निंदा की। उन्होंने मामले में न्याय और तमिलनाडु भर के परिसरों में छात्रों की सुरक्षा के लिये अपनी लड़ाई जारी रखने की चेतावनी भी दी।

पूरा मामला जानिये…

यह घटना अल सुबह उस समय हुई जब पीडि़ता और उसका पुरुष मित्र पास के चर्च में प्रार्थना में भाग लेने के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में लौट रहे थे। दोनों को एक सुनसान जगह पर दो लोगों ने रोक लिया। हमलावरों ने छात्र के साथ मारपीट की और छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। कथित तौर पर लड़की को पास की झाड़ी में खींच लिया गया जहां उसके साथ बलात्कार किया गया। बाद में कोट्टूरपुरम थाने में शिकायत दर्ज की गई और दोनों छात्रों को इलाज के लिये एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामले की निगरानी के लिये वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। ०सूत्रों ने कहा कि अन्य आरोपियों को पकडऩे के लिए तलाश जारी है। राजधानी के बीचों- बीच हुई इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। छात्रों ने विरोध- प्रदर्शन शुरू कर दिया।

विपक्षी दलों के साथ- साथ सत्तारूढ़ द्रमुक के सहयोगियों ने भी घटना की तीखी आलोचना की है। तमिलनाडु इकाई के भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुये एक्स पर लिखा है कि द्रमुक सरकार के तहत तमिलनाडु में गैर- कानूनी गतिविधियां काफ ी बढ़ गयी हैं और राज्य अपराधियों के लिए स्वर्ग बन गया है। महिलाएं राज्य में अब सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं क्योंकि सत्तारूढ़ प्रशासन विपक्ष को चुप कराने के लिये पुलिस का इस्तेमाल कर रहा है। इस घटना के बाद ग्रेटर चेन्नई पुलिस को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। अधिकारियों ने पहले क्रिसमस समारोह के लिये अचूक सुरक्षा- व्यवस्था लागू करने का दावा किया था और आठ हजार से अधिक अधिकारियों को ड्यूटी पर तैनात किया था। जांच जारी है।


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