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आज नहाय खाय से शुरू होगा चार दिवसीय छठ महापर्व

Spread the love      लखनऊ। शुक्रवार को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत

आज नहाय खाय से शुरू होगा चार दिवसीय छठ महापर्व
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लखनऊ। शुक्रवार को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत होगी। अगले चार दिनों तक घरों से लेकर घाट तक विविध अनुष्ठान होंगे। संतान प्राप्ति और उनकी लंबी उम्र की कामना इस छठ पर्व के दूसरे दिन शनिवार को खरना, रविवार को मुख्य छठ पर्व पर घाटों पर सुशोभिता की पूजा के साथ अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सोमवार को चौथे दिन उदीयमान सूर्य अर्घ्य देकर 36 घंटे के व्रत का पारण किया जाएगा।

लक्ष्मण मेला स्थल, झूलेलाल वाटिका, खदरा के शिव मंदिर घाट, संझिया घाट, इकाना स्टेडियम के पास मैथली मंच के अलावा श्री खाटू श्याम मंदिर, मनकामेश्वर उपवन घाट, लेटे हुए हनुमान मंदिर घाट, कुड़िया घाट के साथ महानगर पीएसी 35वीं बटालियन, कृष्णानगर के मानस नगर, सहसोवीर मंदिर, शनि मंदिर, एलडीए कालोनी, सैनिक स्कूल के सामने और तेलीबाग व गोमतीनगर समेत 110 स्थानों पर पूजन होगा।

क्या है नहाय-खाय

ज्योतिषाचार्य पंडित शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि आरोग्य के देवता सूर्य की पूजा का प्रसिद्ध पर्व छठ की शुरुआत चार दिन पहले होती है। नहाय खाय के दिन पूजन में प्रयोग होने वाले सामानों की साफ सफाई के साथ ही पूजन स्थल की शुद्ध किया जाता है। घर में बनाए जाने वाले पकवान के लिए नया चूल्हा बनाया जाता है।

खरना या छोटी छठ

आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि शनिवार को खरना होता है इस दिन रसियाव(गुड़ चावल की बनी खीर) का सेवन करके 36 घंटे के व्रत की शुरुआत होती है। इसी दिन मुख्य प्रसाद ठेकुआ भी बनाया जाता है। कुछ महिलाएं इस छोटी छठ के दिन भी व्रत रखती हैं और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देती हैं। खरना के दिन दिनभर निर्जला व्रत रहकर रात में रसियाव का सेवन किया जाता है। रविवार को छठ पर्व के दिन शाम को पानी की खड़े होकर व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देती हैं।

ऐसे रखते हैं छठ का व्रत

पहल दिन -मात्र एक बार लौकी और चावल का भोजन करते हैं। -व्रत की अवधि में भूमि पर सोते हैं। -दूसरे दिन खरना के दिन पूरे दिन व्रत रहने के बाद रात्रि को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद मात्र रसियाव ग्रहण करते हैं। -तीसरे दिन सुबह से लेकर पूरी रात बिना अन्न जल के रहते हैं। -देशी घी में घर का बना ठेकुआ समेत गन्ना व अन्य मौसमी फल चढ़ाया जाता है। -चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे के व्रत का पारण किया जाता है।

बहेगी भोजपुरी बयार

अखिल भारतीय भोजपुरी समाज की ओर से मुख्य आयोजन लक्ष्मण मेला स्थल के छठ घाट पर होगा। समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि रविवार को शाम चार बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर्व की शुरुआत करेंगे। रातभर भोजपुरी गायक छठ गीतों का गुलदस्ता पेश करेंगे। झूलेलाल घाट पर परमानंद पांडेय के संयोजन में पर्व मनेगा। एक दिन पहले से आयोजन शुरू होगा। मनकामेश्वर उपवन घाट पर महंत देव्या गिरि के सानिध्य में आयोजन होगा तो खदरा के शिव मंदिर घाट पर धनंजय द्विवेदी की ओर से छठ महापर्व मनाया जाएगा। पक्का पुल के संझिया घाट पर भी छठ गीतों के बीच आयोजन होंगे।

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