बाराबंकी में स्वास्थ्य महकमे के भ्रष्टाचार से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है जहां कोरोना महामारी को आपदा में अवसर बनाते हुए कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजो के उपचार के नाम पर दवाइयों का जमकर घोटाला हो रहा है । इतना ही नही कोरोना पॉज़िटिव पाये जाने वाले मरीजो को 10 दिनों तक कोविड अस्पताल में रखने की खानापूर्ति के बाद उनकी दोबारा कोरोना जांच कराये और कोरोना निगेटिव की पुष्टि किये बिना ही महज़ फ़ोटो खींच कर डिस्चार्ज कर दिया जा रहा है । जिसके चलते कोविड अस्पताल से डिस्चार्ज मरीज़ कोरोना कैरियर बनकर स्वस्थ लोगो मे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहे है ।
कोरोना पॉज़िटिव रिपोर्ट आने के बाद बाराबंकी के एल 1 चन्द्रा अस्पताल में दस दिन रह कर डिस्चार्ज हुए समाजसेवी पटेश्वरी प्रसाद ने स्वास्थ्य महकमे के इस घोटाले को उजागर करते हुए सीएम योगी को पत्र लिख कर मामले की जांच कराने की मांग की है । समाजसेवी पटेश्वरी प्रसाद का आरोप है कि कोविड अस्पताल में 10 दिनों तक भर्ती रहने के दौरान न तो कोई डॉक्टर देखने आया और ना ही कोई दवा दी गयी लेकिन डिस्चार्ज के समय दी गयी डिस्चार्ज स्लिप में भर्ती के दौरान दी जाने वाली दवाइयों का पूरा ब्यौरा दर्ज है जिससे साबित हो रहा है कि दवाओं के नाम पर घोटाला किया जा रहा है । पटेश्वरी की माने तो डिस्चार्ज करने से पहले मरीजो की दोबारा कोरोना जांच करवा कर रिपोर्ट निगेटिव होने की पुष्टि भी नही की जा रही है । ऐसे में अगर बिना जांच डिस्चार्ज किये गए मरीज़ कोरोना पॉज़िटिव हुए और अन्य स्वस्थ लोगो मे संक्रमण फैला तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ?