प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, महामारी अपना रूप बदल रही है और कई तरह की परिस्थिति पैदा हो रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार, गुजरात और तेलंगाना जैसे राज्यों में टेस्टिंग को बढ़ाने की जरूरत है. पीएम ने कहा कि एक्सपर्ट्स भी इस बात को सामने रख रहे हैं कि अगर 72 घंटे में केस की पहचान हो जाए तो जान बचाई जा सकती है.
अपने संबोधन में कहा कि अब इसी 72 घंटे के फॉर्मूले पर फोकस करना होगा, जो भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव निकले उसके 72 घंटे में सभी संपर्क में आए लोगों की टेस्टिंग जरूरी है. दिल्ली-यूपी में हालात डराने वाले थे, लेकिन अब टेस्टिंग बढ़ाने के बाद हालात सुधरे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि लगातार मिलना जरूरी है, क्योंकि महामारी का वक्त बीतते हुए नई बातें पता लग रही हैं. अब अस्पतालों पर दबाव, स्वास्थ्यकर्मियों पर दबाव, आम लोगों पर दबाव बन रहा है. हर राज्य अपने-अपने स्तर पर महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, केंद्र और राज्य आज टीम बनकर काम कर रहे हैं.
मुख्यमंत्रियों से पीएम ने कहा कि इतने बड़े संकट के दौरान सभी का साथ काम करना बड़ी बात है, आज 80 फीसदी एक्टिव केस सिर्फ दस राज्यों में हैं. देश में एक्टिव केस 6 लाख से ज्यादा हैं, अधिकतर मामले दस राज्यों में है इसलिए इन राज्यों से चर्चा जरूरी है. पीएम मोदी ने कहा कि अगर सभी राज्य मिलकर अपने अनुभवों को बांटेंगे, टेस्टिंग की संख्या बढ़ रही है. देश में मृत्यु दर, पॉजिटिव रेट कम हुआ है और रिकवरी रेट बढ़ता जा रहा है. पीएम बोले कि टेस्टिंग को लगातार बढ़ाना होगा और मृत्यु दर को 1 फीसदी से भी कम पर रखना होगा. आपको बता दें कि इस बैठक में महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कुल दस राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए जहां पर कोरोना वायरस के केस सबसे अधिक हैं.