प्रमुख सचिव,गृह और निदेशक,सूचना ने मामले को गंभीरता से लिया,डीजीपी से की वार्ता
पत्रकारों पर हमला नहीं करेंगे बर्दाश्त: प्रभात त्रिपाठी
हमलावरों की गाड़ी पुलिस ने की बरामद,पत्रकारों में आक्रोश

संजय श्रीवास्तव
Lucknow news : राजधानी में सच्चाई को अपने कलम से हमला करने वाले पत्रकारों की जान को खतरा है। सूबे में आये दिन पत्रकारों पर प्राण घातक हमला हो रहा है। बीती रात एक चैनल के छायाकार, राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार सुशील अवस्थी पर कुछ हमलावर पहुंचे। उनलोगों ने धोखे से अपनी गाड़ी तक बुलाया और अचानक हमला कर दिया। लगभग चार-पांच की संख्या में हमलावरों ने सुशील को बुरी तरह से मारा। गंभीर रुप से घायल सुशील अपनी जान बचाने के लिये चीखते रहें…। जाते-जाते हमलावरों ने चेताया कि अगर दुबारा सोशल मीडिया पर हमारे नेता पर कोई टिप्पणी की और कुछ भी बोला तो अगली बार जान से मार देंगे…। घरवालों ने सुशील अवस्थी को लोकबंधु हॅास्पिटल में भर्ती कराया। पत्रकार पर हमले की खबर सुबह आग की तरह फैल गयी और जिसे इस जघन्य घटना की जानकारी हुयी लोकबंधु हास्पिटल की ओर भागा। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति पुनर्गठित के संयोजक प्रभात त्रिपाठी अपनी टीम के साथ लोकबंधु हॅास्पिटल पहुंचे। पूर्व एमएलसी अरविंद त्रिपाठी उर्फ गुडडू त्रिपाटी भी घायल सुशील अवस्थी को देखने पहुंचे और डॉक्टरों से कहा कि इलाज में किसी तरह की कोई कमी नहीं होनी चाहिये। प्रभात त्रिपाठी ने हुंकार भरा कि यदि शीघ्र हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं हुयी तो प्रदेश के सभी पत्रकार धरना-प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने प्रमुख सचिव,गृह संजय प्रसाद को ज्ञापन भी सौंपा। सवाल ये उठ रहा है कि आखिर चैनल के कैमरामैन पर किसने हमला किया या किसने हमला करवाया ? क्योंकि हमलावर में से कोई एक जो धमकी देकर गया, उसके शब्द किसी राजनेता की तरफ इशारा कर रहे हैं ? आखिर कौन है वो राजनेता या माफिया,जिसने इतनी हिमाकत की…।

बता दें कि एक न्यूज चैनल के पत्रकार सुशील अवस्थी पर बीती रात उनके घर पहुंचे हमलावरों ने धोखे से अपनी गाड़ी तक ले जाकर जमकर मारापीटा। मरणासन्न अवस्था में सुशील अवस्थी को लोकबंधु हास्पिटल में भर्ती कराया गया है। सुशील अवस्थी हमेशा समस्याओं को लेकर लिखते रहते थे, क्या नेता और उनके गुंडों को…। फिलहाल पुलिस एक्श् ान मोड में है और इसी का परिणाम रहा कि प्राणघातक हमले में प्रयुक्त वाहन का विवरण मिल गया है, वाहन का नंबर यूपी 32 पीवाई 5419 है। अब सिर्फ और सिर्फ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रयोगात्मक रूप देखना है। इस निंदनीय कृत्य के ऊपर कौन सा ऑपरेशन चलाया जाएगा ये भी देखने वाली बात है।

वहीं, उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति पुनर्गठित समिति के संयोजक प्रभात त्रिपाठी ने इस घटना की निंदा की। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में मैं प्रमुख सचिव, गृह संजय प्रसाद से मिला। अपने पत्रकार साथी सुशील अवस्थी, राजन पर हुए हमले को लेकर उनसे बातचीत हुई। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह पुलिस महानिदेशक से बात करके अभियुक्तोंपर जल्द से जल्द कार्रवाई करने का आदेश देता हूं।

पुनर्गठन समिति ने पांच सूत्री ज्ञापन पत्र भी सौंपा है,जिसमें प्रमुख तौर से वेलफेयर फं ड को 80 लाख से बढ़ाकर 5 करोड़ करने का की मांग की गयी है। साथ ही, पत्रकार पेंशन पर क्या अपडेट है, उसकी सूचना मांगी गई।सबसे बड़ा मुद्दा सुशील अवस्थी, राजन का भी है अपने सभी साथियों को और इस पूरे प्रकरण में सुशील अवस्थी के अगर कोई कार्रवाई नहीं होती तो हम सबको तैयार रहना पड़ेगा हल्ला बोल के लिये…