आईएस लैब में बुलाते हैं…शाबासी के बहाने पीठ थपथपाते नहीं दबाते हैं…
मुख्य सचिव को महिलाओं ने पत्र लिखकर बचाने की लगायी गुहार
निदेशक,रेशम सुनील कुमार वर्मा ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बताया आरोप बेबुनियाद है
‘द संडे व्यूज़’ भी बी.एल.मीणा पर लगे गंभीर आरोप की पुष्टि नहीं करता
संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। यूपी में एक सीनियर आईएस रेशम, उद्यान विभाग में तैनात हैं। साहेब महिला कर्मचारियों को उद्यान में ले जाते हैं और वहां पर काम की तारीफ भी पीठ पर रेशम की तरह थपथपा कर देते हैं। इतना ही नहीं,साहेब इतने उत्साहित रहते हैं कि महिलाओं को कभी लैब में बुलाते हैं तो कई बार रायबरेली,पीलीभीत में निफ्ट में भेजते हैं…हार्टिकल्चर से रेशम में भेजते हैं तो कभी रेशम से हार्डिकल्चर में…। सबसे खास बात ये है कि महिलाएं पहुंचे उससे पहले साहेब खुद वहां मौजूद रहते हैं? फिर क्या,सिर्फ महिलाओं के काम की चवन्नी मुस्कान के साथ पीठ थपथपा कर शाबासी देते हैं। गंभीर आरोप रेशम, उद्यान विभाग में काम करने वाली महिलाओं ने अपने ही विभागके अपर मुख्य सचिव बी.एल.मीणा पर लगाये हैं। महिलाओं ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर श्री मीणा के कारनामों से मुक्ति दिलाने का आग्रह किया है।

शासन के भरोसेमंद आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ‘लेडिज लैटर’ ने लोकभवन से लेकर सचिवालय के गलियारों में एक बार फिर ब्यूरोक्रेटस के बैड टच करने वाले ब्यूरोके्रटस के जिन्न को जिंदा कर दिया है। दूसरी तरफ, रेशम निदेशालय के निर्देशक सुनील कुमार वर्मा ने विभाग में फर्जी शिकायत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। हालांकि ‘द संडे व्यूज़’ भी बी.एल.मीणा पर लगे गंभीर आरोप की पुष्टि नहीं करता। हां ये जरुर है कि श्री मीणा एक सख्त नौकरशाह के रुप में जाने जाते हैं। शासन की नीतियों के खिलाफ काम करने वाले अफसरों की नींद हराम करने के लिये भी जाने जाते हैं। अपर मुख्य सचिव बी.एल.मीणा एक सख्त नौकरशाह के रुप में जाने जाते हैैं। जहां भी रहें,वहां शासन की नीति के अनुरुप काम न करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिये काल साबित हुये।
श्री मीणा इस समय रेशम, उद्यान विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत हैं। इनके खिलाफ मुख्य सचिव के पास एक पत्र पहुंचा है, जिसमें इन्हीं के विभाग की महिलाओं ने गंभीर आरोप जड़े हैं। वही साहेब हैं, जिनके चेहरे पर पुरुष कर्मचारियों ने कभी मुस्कान देखा ही नहीं। लेकिन पत्र तो आया है,जांच भी होगी। उन्हीं के विभाग की महिलाओं का कहना है कि अफसर किसी न किसी बहाने उन्हें लैब में ले जाते हैं या शाबासी के बहाने बैड टच करते हैं। श्री मीणा उल्टे-सीधे सवाल करते हैं इसलिये इनसे बचाने की कोशिश करें। पत्र में शासन में भूचाल ला दिया है।
दूसरी तरफ इस विभाग के निदेशक ने भी एक पत्र जारी कर इस प्रकरण में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। मुख्य सचिव को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि

कुछ तथाकथित एसोसिएशन, शिकायतकर्ताओं द्वारा विभाग की छवि खराब करने के उद्देश्य से फर्जी पत्र वरिष्ठï अधिकारियों तक पहुंचायी जा रही है। विभाग में कोई महिला एसोसिएशन नहीं है, फिर भी उनके नाम से मुख्यमंत्री,मंत्री को फर्जी शिकायतें करायी जा रही है। विभाग की समस्त महिला अधिकारियों व कर्मचारियों ने लिखित रुप से दिया है कि उनके स्तर से कोई शिकायत नहीं की गयी है। इसलिये महिला उत्पीडऩ नाम से कोई भी शिकायत की जा रही है तो उसे गंभीरता से ना लिया जाये।
बात जो भी हो,आरोप लगा है तो जांच तो होगी ही। उसके बाद ही दूध का दूध और पानी का पानी होगा…।