महापौर और नगर आयुक्त के बीच खींचतान बढ़ी…


संवाददाता, लखनऊ । स्वच्छता अभियान में 44वें से तीसरे स्थान पर पहुंचे नगर निगम में सब ठीक नहीं है। यहां का माहौल सुधरने की बजाय बिगड़ता जा रहा है। महापौर और कुछ पार्षदों के बीच चल रही तनातनी अभी शांत भी नहीं हो पाई थी कि शुक्रवार को एक पत्र ने अब नया विवाद खड़ा कर दिया है।

महापौर सुषमा खर्कवाल की तरफ से नगर आयुक्त गौरव कुमार को लिखे पत्र से साफ है कि दोनों के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं, जिससे नगर निगम एक बार फिर से दो पाटों में बंटा दिखेगा। महापौर ने विदाई समारोह और सहायक नगर आयुक्तों की तैनाती में उनकी अनदेखी किए जाने पर सवाल खड़ा किया है।

महापौर ने पत्र में लिखा कि शुक्रवार को सेवानिवृत्त कर्मचारियों का विदाई समारोह और सम्मान समारोह था, लेकिन उस कार्यक्रम की सूचना उन्हें नहीं दी गई, जबकि इसका दायित्व अपर नगर आयुक्त अधिष्ठान का था। पत्र में नगर आयुक्त से कहा है कि ऐसा लगता है कि आपके अधीनस्थ अपने पदीय दायित्वों के प्रति सजग नहीं हैं, जो अनुशासनहीता की श्रेणी में आता है।

इसी तरह तैनात हुए तीन सहायक नगर आयुक्तों को काम का बंटवारा हो गया है, लेकिन अभी तक उन्हें कक्ष का आवंटन नहीं किया गया है, सहायक भी नहीं दिए गए। ऐसा लगता है कि आपके अधीनस्थ ने नगर निगम के कार्यों को सुचारू रूप से गति में लाने का प्रयास न करके मात्र नए तैनात सहायक नगर आयुक्तों के मध्य कार्यों के आवंटन पर ज्यादा ध्यान देने जैसे गैरजिम्मेदाराना रूप से आख्या प्रस्तुत कर आदेश जारी कराया गया।

महापौर ने नगर आयुक्त से चार अगस्त को दोपहर तक यह स्पष्ट करने को कहा है कि मृतक आश्रितों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के विदाई सम्मान समारोह जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उनकी आवश्कता नहीं थी। यह भी स्पष्ट करें कि सहायक नगर आयुक्तों के मध्य कार्य विभाजन संबंधित निर्णय लेने से पूर्व उनसे विचार विमर्श करने की आवश्यकता नहीं थी। उधर, नगर आयुक्त ने महापौर के पत्र पर किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया।

नगर निगम में लंबी सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के बीच पहुंचकर महापौर सुषमा खर्कवाल ने उनका सम्मान बढ़ाने का काम किया। इस अवसर पर सेवानिवृत कर्मचारियों के परिवार के लोग भी मौजूद थे। दरअसल कार्यक्रम की सूचना न दिए जाने के बाद अचानक महापौर पहुंचीं तो देखा कि वहां पर अपर नगर आयुक्त डा. अरविंद राव और मुख्य वित्त लेखाधिकारी महामिलिंद लाल ही मौजूद है तो नाराजगी जताई और कहा कि इतनी लंबी सेवा देने वाले कर्मचारियों की विदाई में सभी अधिकारियों का न होना उचित नहीं है। हालांकि महापौर के आने पर अपर आयुक्त नम्रता सिंह भी पहुंच गईं थीं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *