डी.जी.बी.के.मौर्य की ‘शाही विदाई’ : ऐसा पल जिसे ‘मौर्य साहेब’ ताउम्र याद रखेंगे…


वर्दी जिनकी शान रही,रिटायर होने पर छलका दर्द,बोले: वर्दी छोडऩे की खुशी नहीं है…

बी.के.मौर्य ने जवानों को जीते जी और मरने के बाद भी वो तोहफा दिया,जो सभी आजीवन याद रखेंगे…

संजय श्रीवास्तव

लखनऊ। एक आपीएस वी.के.मौर्य ,जो जांबाजी के लिये जाने जाते हैं, जिनकी जिंदगी का लक्ष्य वर्दी का मान बढ़ाने और अनुशासन में रहना था। 31 जुलाई को अपने पद से सेवानिवृत्त हो गये। लेकिन…। जाते-जाते होमगार्ड विभाग के लाखों जवान और अधिकारियों को जो संदेश दे गये,उसे सभी पूरी जिंदगी याद रखेंगे। प्रेस कान्फें्रस रखी गयी,जिसमें उन्होंने चिर-परिचित मुस्कान के साथ होमगार्ड विभाग में पिछले चार साल में किये गये शानदार काम के बारे में बताया…फिर अधिकारियों द्वारा रखी गयी विदाई समारोह…। अधिकारियों व जवानों ने मिलकर उनकी गाड़ी को फूलों से बंधे रस्सी से खिंचकर ले जाने लगें…। पल भावुक कर देने वाला था… भले ही डीजी विजय कुमार मौर्य गाड़ी में चेहरे पर मुस्कान बिखेर रहे थे लेकिन उनकी आंखें नम थी…वहीं अधिकारियों और होमगार्डों की आंखों में भी आंसू थे …।

होमगार्ड विभाग में 2 अगस्त 2022 को डीजी के पद पर तैनात होने वाले 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी विजय कुमार मौर्य के बारे में बता दूं कि ये 1993 से 2007 तक पुलिस अधीक्षक बाराबंकी, अंबेडकरनगर एवं हाथरस,वरिष्ठï पुलिस अधीक्षक अयोध्या, बरेली, अलीगढ़,मुजफ्फरनगर,आगरा एवं गोरखपुर जैसे महत्वपूर्ण जनपदों में तैनात रहें। इनके तेज तर्रार कार्यशैली को देखते हुये ही श्री मौर्य को पुलिस उप महानिरीक्षक, आजमगढ़ परिक्षेत्र, सहारनपुर, मेरठ जैसे महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती दी गयी। इस दौरान श्री मौर्य ने अपराधियों को यूपी छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया था। इसी तरह सरकार विरोधी अराजक तत्वों एवं संगठनों का खात्मा कर दिया था।

इतना ही नहीं, श्री मौर्य के शानदार कार्यों को देखते हुये सरकार ने इन्हें इंडो नेपाल बार्डर पर 2007 से 2014 तक उप महानिरीक्षक,सीमा सुरक्षा बल के पद पर रानीखेत तथा इंडो चाईना बार्डर पर पुलिस महानिरीक्षक, आईटीबीपी के पद पर चंडीगढ़ में तथा पुलिस महानिरीक्षक,निदेशक सूचना एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी,एयर इंडिया जैसे महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया। उसके बाद 2015 में यूपी में पुलिस महानिदेशक, उ.प्र. पुलिस प्रशिक्षण मुख्यालय,अपर पुलिस महानिदेशक, रेलवे तथा पुलिस मुख्यालय पर अपर पुलिस महानिदेशक,लॉजिस्टिक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर इनकी तैनाती की गयी। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये उन्होंने कहा कि होमगार्ड विभाग में ड्यूटी लगाने एवं व्याप्त भ्रस्टाचार पर अंकुश लगाने के लिये लगभग 73000 होमगार्ड एवं अवैतनिक पदाधिकारियों के सेवा संबंधित सभी अभिलेखों मसलन,भर्ती फार्म,शैक्षिक अभिलेख, पुलिस सत्यापन, चरित्र सत्यापन के दस्तावेज को डिजिटल रुप से एनआईसी द्वारा विकसित विभागीय वेबसाइट पर अपलोड़ कराया गया।

इसी तरह, ड्यूटी के दौरान मरने वाले होमगार्ड स्वयं, अवैतनिक पदाधिकारियों के पात्र आश्रितों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि होमगार्ड मुख्यालय पर गठित समिति की संस्तुति पर ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है। साथ ही,मृतक आश्रितों को विभिन्न बैंकों के माध्यम से प्रत्येक आश्रित को 30 से 40 लाख रुपये का भुगतान भी कराया जा रहा है। श्री मौर्य ने बताया कि होमगार्ड मित्र ऐप भी तैयार किया गया है। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के लिये आवास की व्यवस्था नहीं थी,अथक प्रयास से बहुमंजिली आवासीय बिल्डिंग जी-11 टाइप ए व टाइप बी का शिलान्यास होमगार्ड मुख्यालय परिसर में कराया गया है।

इसी तरह बांदा, वाराणसी, मुरादाबाद, अलीगढ़, कौशाम्बी, शामली, महाराजगंज, सम्भल, मथुरा, रामपुर और बिजनौर में जिला कमांडेंट कार्यालय भवनों के निर्माण कार्य शुरु कराया गया। विभाग में प्रशिक्षण के अतिरिक्त होमगार्ड स्वयंसेवकों को इंसास राइफल, आपदा प्रबंधन तथा महिला होमगार्ड वाहन चालक आदि प्रशिक्षण दिये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी गयी है।


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