भारत की अक्षुण्णता को बनाये रखने में संतों का रहा महान योगदान : राम महेश मिश्र


धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज की जन्म जयंती मनाई गई

तपोभूमि गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय में जुटे अनेक शिष्य व श्रद्धालु

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व संध्या पर किया था स्वामिश्री को नमन

धर्मसापेक्ष, पक्षपातविहीन, लोकतांत्रिक अध्यात्मवाद के प्रणेता थे स्वामी करपात्री जी महाराज : डॉ. सप्तर्षि मिश्र

महाकालेश्वर आश्रम परिवार स्वामिश्री के आदर्शों पर चलने को प्रतिबद्ध है :ब्रह्मचारी शंकर चैतन्य

ब्यूरो, लखनऊ। देश ही नहीं, विश्व के जाने- माने सन्यासी, संत, धर्म सम्राट के नाम से प्रसिद्ध स्वामिश्री करपात्री जी महाराज की 118वीं जन्म जयंती आज लखनऊ में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। कानपुर मार्ग बंथरा स्थित तपोभूमि गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय के तपोभूमि मंडपम में अखिल भारतवर्षीय धर्म संघ द्वारा आयोजित विचार संगोष्ठी में अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे। भाग्योदय फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं संस्थापक आचार्य राम महेश मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि भारत की लम्बी गुलामी के दौर में इस्लाम एवं ईसाईयत से सनातन संस्कृति की रक्षा, भारत को आजाद कराने तथा इस राष्ट्र की आजादी को अक्षुण्ण बनाये रखने में महान तपस्वी संतों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। श्री मिश्र ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस शम्भु नाथ श्रीवास्तव द्वारा लिखित पुस्तक भारतीय संस्कृति के रक्षक सन्त का उल्लेख करते हुये बताया कि न्यायमूर्ति श्रीवास्तव द्वारा 383 जिन महान संतों का उल्लेख इस पुस्तक में किया गया है, जिनका 712 ईस्वी से लेकर 1947 तक भारत की जड़ों को सींचने, उन्हें मजबूत करने, भारत को गुलामी से मुक्ति दिलाने, प्राप्त आजादी को अक्षुण्ण बनाये रखने में सक्रिय योगदान रहा, उनमें स्वामिश्री करपात्री जी महाराज का नाम प्रमुख है।

इस अवसर पर अखिल भारतवर्षीय धर्म संघ के राष्ट्रीय संयोजक एवं तपोभूमि गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर सप्तर्षि मिश्र ने कहा कि स्वामिश्री जी महाराज का व्यक्तित्व बहुत ऊंचा रहा है। वह धर्म सापेक्ष, पक्षपात विहीन, लोकतांत्रिक अध्यात्मवाद के महान प्रणेता रहे हैं। उन्होंने स्वामिश्री के निर्देशन में समूचे राष्ट्र में हुए अनेक धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों एवं स्थापनाओं पर भी प्रकाश डाला। डॉ. मिश्र ने बताया कि तीर्थराज प्रयागराज में चल रहे धर्म संघ संस्कृत महाविद्यालय में नवनिर्मित 300 ऋषिकुमारों की क्षमता वाले नवीन भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिये मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क किया गया है। उन्होंने बताया कि स्वामी श्री करपात्री जी महाराज के नाम पर राजधानी लखनऊ में किसी भवन, मार्ग, शोध संस्थान अथवा शिक्षा संस्थान का नामकरण करने का भी आग्रह धर्म संघ द्वारा मुख्यमंत्री से किया गया है।

महाकालेश्वर आश्रम समूह के मुख्य प्रतिनिधि एवं तपोभूमि गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय के व्यवस्थापक ब्रह्मचारी शंकर चैतन्य ने इस अवसर पर अपने आध्यात्मिक परिवार की प्रतिबद्धता स्वामिश्री महाराज के प्रति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह आश्रम परिवार स्वामिश्री के पदचिन्हों पर चलने के लिये कृत संकल्पित है। विचार संगोष्ठी के उपरान्त गुरुकुल के विद्यार्थियों, आचार्यों, श्रद्धालुओं एवं शिष्य समुदाय ने स्वामिश्री महाराज के चित्र के सम्मुख पुष्पांजलि करके अपने श्रद्धा सुमन भेंट किये। आज कारगिल विजय दिवस पर सैन्य वीरों को भी धर्म सभा में श्रद्धापूर्वक याद किया गया।


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