ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव को समझा दिया डीएनए क्या है ?


ब्यूरो,लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इन दिनों डीएनए को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। सत्ताधारी और विपक्षी आमने-सामने आ गए हैं। समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने डीएनए को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर निजी हमला कर दिया है। जिसके बाद सूबे की राजनीति में अचानक से उबाल आ गया है। ब्रजेश पाठक और अखिलेश यादव ने एक-दूसरे को नसीहत भी दी है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा प्रदेश अध्यक्ष और सपा मीडिया सेल के मुखिया को नोटिस भेजी गई है। इसी बीच सोमवार को एक बार फिर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लंबा-चौड़ा पोस्ट कर सपा की राजनीतिक सोच और कार्यशैली पर सवाल उठा दिए हैं। वहीं, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के इस पोस्ट के बाद सभी को अखिलेश यादव के जवाब का इंतजार है। फिलहाल यह मामला अभी थमता नजर नहीं आ रहा है।



दरअसल, सपा मीडिया सेल के द्वारा ब्रजेश पाठक के डीएनए को लेकर किए गए आपत्तिजनक पोस्ट के बाद एक्स वार शुरू हो गया है। एक ओर बीजेपी से जुड़े लोग समाजवादी पार्टी और उनके मुखिया अखिलेश यादव को आड़े हाथों ले रहे हैं तो दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के विधायक और नेता बीजेपी को ही इस मुद्दे का जिम्मेदार बता रहे हैं। सोमवार को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी पर जातिवादी, तुष्टिकरण और समाज को बांटने की राजनीति करने का गंभीर आरोप लगा दिया है। ब्रजेश पाठक ने सपा पर हमला बोलते हुए लंबा चौड़ा पोस्ट कर तगड़ा हमला बोला है। ब्रजेश पाठक ने एक्स पर पोस्ट के जरिए अखिलेश यादव से कहा कि आप डीएनए के सवाल पर बहुत भड़के हुए हैं।

ब्रजेश पाठक ने कहा कि मैंने ये कह क्या दिया कि समाजवादी पार्टी के डीएनए में खराबी है, आप आपे से उसी तरह बाहर हो गए, जैसे 10 साल पहले यूपी की सत्ता से बाहर हो गए थे। आप इस बात को समझिए कि डीएनए में खराबी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है, बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है। डीएनए में खराबी का मतलब ये है कि आपकी पार्टी की राजनीति की बुनियाद ही जातिवाद और तुष्टीकरण पर टिकी रही है और आज भी टिकी हुई है। ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा ने कभी सबका साथ-सबका विकास की बात की ही नहीं। आपकी प्राथमिकता ही हमेशा वोट बैंक की राजनीति रही है। नीतियों और आदर्शों से आपका दूर-दूर तक का लेना देना नहीं रहा है।

ब्रजेश पाठक ने पोस्ट में लिखा कि मैं आपकी पार्टी के डीएनए में खराबी के मसले को और खुलकर समझा देता हूं। दरअसल, मुस्लिम तुष्टिकरण ही आपकी राजनीति का केन्द्रीय हिस्सा रहा है। आप किसी भी राजनीति विज्ञानी से बात कर लें। वो आपको समझा देगा कि आपकी पार्टी का जन्म ही मुस्लिम तुष्टीकरण के डीएनए के साथ हुआ है और आपकी पूरी की पूरी राजनीति की दाल-रोटी भी यही है। वो चाहे शिक्षा नीति हो, नियुक्तियां हों या कानून-व्यवस्था के सवाल। आपकी सरकारों ने बार-बार एक ही वर्ग विशेष को खुश करने के लिए बाकी समाज की अनदेखी की है। इससे समाज में विभाजन और अविश्वास की खाई और गहरी हुई है। आपने तो बतौर मुख्यमंत्री अपने सिगनेचर से आतंकियों से जुड़े 14 केस एक साथ वापस लिए, ताकि आपकी पार्टी के मुस्लिम तुष्टीकरण वाले डीएनए को खाद-पानी मिलता रहे। ऐसे में मैं अच्छी तरह समझा सकता हूं कि डीएनए पर सवाल उठाने से आप इतने तिलमिलाए क्यों हैं? आपको इतना दर्द क्यों है?

ब्रजेश पाठक ने लिखा कि हो सके तो खुद को और अपनी पार्टी की सोच को बदलने की कोशिश कीजिए। एक बात और आपका और आपकी पार्टी का ट्विटर हैंडल जो भी चलाता है और जो भी आपको बड़े-बड़े पैराग्राफ वाले बयान लिखकर भेजता है, वो तो इतना नादान है कि उसने आपके जरिए ये कबूल करवा लिया कि जेपी, लोहिया और राजनारायण जैसे महान नेताओं के समाजवाद को गंदी, पतित और कलुषित गालियों में तब्दील कर देने वाले ये लोग आपके अपने ही हैं। आपने खुद लिखित रूप में ये कबूल कर लिया है कि आप पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाएंगे। अब भी कोई शक, कोई संदेह बचा क्या कि आपकी पार्टी का डीएनए ही खराब है।

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पोस्ट में आगे लिखा कि अखिलेश जी, अंत में यही कहूंगा कि अगर आप बदल सकते हैं तो खुद को बदलिए, अपनी पार्टी के डीएनए को बदलिए वरना आज से लेकर 2027 तक और उसके बाद भी आपको अपनी पार्टी का यही डीएनए परेशान करता रहेगा। अभी तो मैं कह रहा हूं, इसके बाद प्रदेश की एक-एक गली से, एक-एक मोहल्ले से, एक-एक गांव, शहर, जिले और यहां तक कि एक-एक आम व्यक्ति की जुबां से आपकी पार्टी के इस डीएनए का जिक्र फूटेगा। किस-किस को गालियां देते फिरेंगे आप? सो अपना चेहरा साफ कीजिए, आईने से मत झगड़िए। ब्रजेश पाठक ने आखिर में लिखा कि ‘उम्र भर गालिब यही भूल करता रहा, धूल चेहरे पे थी आईना साफ करता रहा।’


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