‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’, पूरे देश के ल‍िए मूलमंत्र बन गया ये नारा-योगी


संवाददाता, लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर उन्‍हें पुष्‍प अर्पित क‍िए। इस दौरान उन्‍होंने कहा क‍ि आज हर व्यक्ति अपने करियर के प्रति चिंतित रहता है, लेकिन देश और समाज के सामने जो चुनौतियां हैं, उससे बचने का प्रयास करता है।

सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने कहा क‍ि हमारे सामने जाति, मत, मजहब, क्षेत्र और भाषा की चुनौतियां हैं। इससे ऊपर उठकर हर नागरिक का एक ही धर्म होना चाहिए और वह है राष्ट्रधर्म। इसकी प्रेरणा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के महान व्यक्तित्व से मिलती है।आपको बता दें क‍ि योगी आदित्यनाथ गुरुवार को परिवर्तन चौक, हजरतगंज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर आयोजित पराक्रम दिवस को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।

मुख्यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने बताया कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी के योगदान को सम्मान देने के लिए हर वर्ष 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। इस दौरान उन्होंने कहा क‍ि सुभाष चंद्र बोस का जीवन और देश के प्रति योगदान हर भारतवासी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।देश की आजादी के लिए उनका नारा ”तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” पूरे देश के लिए एक मंत्र बन गया। नेताजी ब्रिटिश शासन के दौरान सर्वोच्च सिविल सेवा में चयनित हुए, लेकिन भारत माता की सेवा के लिए इस प्रतिष्ठित पद को ठुकरा दिया। उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का भंडार है।

उनकी जयंती पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद कर हम सभी राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत विधान परिषद सदस्य अविनाश कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, अंगद सिंह, लालजी प्रसाद निर्मल, गौरव शुक्ला सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

लोक निर्माण विभाग की सूची में जर्जर हो चुके पुलों में राजधानी के मोहनलालगंज में साईं नदी पर बना जबरेला घाट का पुल फिर से बनने लगा है। लखनऊ में मधाना गंगा बैराज शुक्लागंज पुरवा मोहनलालगंज मार्ग किमी. 95 पर इसे बनवाया जा रहा है। यहां बना पुराना पुल अपनी उम्र पूरी कर चुका था। इसे लोक निर्माण विभाग ने जर्जर घोषित कर दिया था। यह सेतु लखनऊ और उन्नाव यानी दो जिलों के लाेगों के लिए मददगार बना था।


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