मुख्यालय पर एक स्टार लगाने वाले लगा रहे हैं दो स्टार: विजय पाल सिंह, विनोद कुमार, अमरेन्द्र सिंह-बीओ और राधेश मिश्रा,ओ. पी. सिंह-बीओ, अहसान अहमद- बीओ
मदन गोपाल
लखनऊ। होमगार्ड मुख्यालय पर मुख्य प्रवेश द्वार की सीढिय़ों पर कदम रखते समय सभी की निगाहें कंट्रेाल रुम पर जाती है। कंट्रोल रुम से ही वर्दी को शर्मसार करने और अनुशासन तोडऩे की शुरुआत हो रही है। कंट्रोल रुम पर तैनात कनिष्ठ प्रशिक्षक (समकक्ष बीओ) विजय पाल सिंह एक स्टार की जगह दो स्टार लगाकर एवं पी कैप पहनकर ड्यूटी करते हैं। यही वो जगह है जहां से डीजी,आईजी-पुलिस से लेकर होमगार्ड विभाग के आईजी सहित सभी सीनियर आफिसर आते-जाते हैं लेकिन…। मुख्यालय पर बने सीटीआई केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान पर तैनात कनिष्ठ प्रशिक्षक विनोद कुमार, अमरेन्द्र सिंह-बीओ और राधेश मिश्रा भी दो-दो स्टार एवं पी कैप लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं। इसी तरह, ओ. पी. सिंह-बीओ, अहसान अहमद- बीओ जब मुख्यालय पर ही नियम तोडऩे की सीख दी जा रही है तो जिलों में तैनात बीओ यदि एक के जगह दो-दो स्टार लगाकर फर्जी भौकाल काट रहे हैं तो इसमें गलत ही क्या है ? मुख्यालय हो या जिला,सभी जगह तैनात लगभग 400 बीओ सिर्फ और सिर्फ डीआईजी से डरते हैं। कमांडेंट को तो खिलौना समझते हैं। कायदे से बीओ को एक स्टार और पीसी को दो स्टार लगाना चाहिये, ताकि सभी को मालूम रहे कि पीसी एक रैंक सीनियर है और बीओ एक रैंक जूनियर…। लेकिन यहां पर बीओ ही पीसी बन गये है।
चौंकाने वाली बात तो ये है कि सभी बीओ दो-दो बैच लगाकर आईजी से लेकर सभी अफसरों के चैम्बर में विभागीय काम से आते-जाते हैं,अफसर देखते हैं लेकिन ना तो उन्हें हुड़की देते हैं और ना ही कार्रवाई करने की धौंस। यही वजह है कि इस विभाग में तैनात सभी बीओ वर्दी का जमकर माखौल बना रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि बीओ द्वारा अनुशासनहीनता बरतने में आईजी विवेक सिंह का बड़ा हाथ है। उनके पास आईजी के साथ-साथ डीआईजी, मुख्यालय का अतिरिक्त चार्ज है इसके बाद भी वे कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। आखिर विभागीय आईजी क्या चाहते हैं…चार माह बाद वे रिटायर हो जायेंगे, तब तक नियम-कानून की धज्जियां उड़ जायेगी।
वदीधारी संगठन में एक बैच से जूनियर और सीनियर की पहचान होती है लेकिन मुख्यालय से लेकर यूपी के सभी जनपदों में जिस तरह से बीओ दो-दो स्टार लगाकर सीनियरों को ढेंगा दिखा रहे हैं, उसे देख इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि कभी जनपदों में तैनात कोई बीओ आईजी या डीआईजी का बैच लगाकर रंगबाजी रेलता पकड़ा जाये…। नियमत: बीओ को वर्दी पर एक स्टार लगाना चाहिये लेकिन पूरे प्रदेश में तैनात बीओ दो स्टार लगाकर पूरी रंगबाजी से नौकरी कर रहे हैं।
वदी्रधारी संगठन में अनुशासनहीनता के दायरे में आता है। इस पर रोक लगाने के लिये 27 अक्टूबर 2021 को तात्कालीन डीजी,होमगार्ड विजय कुमार ने प्रदेश के सभी डीआईजी,मंडलीय कमांडेेेंट व जिला कमांडेंट को पत्र लिखा था। पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि आये दिन मीडिया में में होमगार्ड विभाग से संबंधित समाचार,फोटो प्रकाशित हो रहे हैं,जिसमें होमगार्ड के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा डयूटी के समय समुचित वर्दी धारण नहीं की जा रही है, जिससे विभागीय गरिमा पर प्रतिकूल संदेश प्रसारित हो रहा है। वर्दी का स्केल,पैटर्न निश्चित है,जिसका पूरी तरह से पालन किया जाये।
पत्र में लिखा है कि होमगार्ड अधिकारी,कर्मचारी एवं अवैतनिक पदाधिकारी, स्वयंसेवक द्वारा निर्धारित स्वच्छ वर्दी,हेछ गियर धारण किया जाये। वर्दी के पैटर्न शू के अतिरिक्त कोई अन्य जूता,सैंडिल धारण ना किया जाये। गलत वर्दी निर्धारित रैंक,टोपी,नेम प्लेट,कमीज के बटन खुला रखने तथा निर्धारित जूता,मोजा न पहनने की कुप्रथा को पूरी तरह से समाप्त किया जाये। यह भी निर्देशित किया गया है कि अधिकारियों के स्तर पर गलत,अपूर्ण वर्दी धारण करने वालों की नियमित टोका-टाकी अवश्य की जाये,जिससे की यह संदेश हो कि कर्मियों को टर्न आउट सदैव अधिकारियों की निगाह में रहता है। हो क्या रहा है ? डीजी साहेब का ट्रांसफर हुआ और आदेश रदद्ी की टोकरी में…।
इस खेल में आईजी विवेक सिंह तो पुराने और माहिर खिलाड़ी हैं। अपने सीनियर को मुस्कराकर समझाने की कला कोई इनसे सीखे। अब देखिये,अपर प्रमुख सचिव बी.एल.मीणा ने निर्देश दिया कि कुंभ में लगे 50 वर्ष से अधिक उम्र के होमगार्डों को वापस भेजो,उनकी जगह युवा जवानों को तैनात करो। श्री मीणा का ट्रांसफर और आदेश रद्दी की टोकरी में…। सवाल यह है कि आखिर वर्दी को मजाक बनाकर नौकरी करने वाले सूबे के सभी बीओ पर नियमावली का पाठ कौन पढ़ायेगा? सवाल यह भी है कि इन मनबढ़ बीओ पर नियम तोडऩे के लिये आशीर्वाद का हाथ रखने वाले सीनियर अफसरों पर नकेल कौन कसेगा ?
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