नये मीटिंग हॉल का उदघाटन ही ‘भ्रष्टाचार’ की कहानियों से शुरु हुयी और सभी कमांडेंट ‘पसीनिया’ गये
होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ‘मौनी बाबा’ बनकर बैठे रहें, भ्रष्ट कमांडेंट की कलई खुलती देखते रहें
सवाल: क्या मंत्री धर्मवीर प्रजापति सीएम के नीतियों की धज्जियां उड़ाने वाले कमांडेंट को बख्शेंगे ?
संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लाखों होमगार्ड किसी भी राजनैतिक पार्टी के लिये बड़े वोट बैंक हैं, ये जानने के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रैतिक परेड में शामिल नहीं हुये। यदि मुख्यमंत्री आते,जवानों के हित में कुछ घोषणा कर जाते तो नि:संदेह भाजपा को ही फायदा होता लेकिन वे क्यों नहीं आये ? सत्ता के गलियारों से लेकर विभागीय अफसरों में तमाम तरह की चर्चाएं चल रही है लेकिन मुख्यमंत्री की तरह सोच रखकर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर चलने वाले अपर प्रमुख सचिव बी.एल.मीणा ने नये मीटिंग हॉल में 7 दिसंबर को आयोजित समीक्षा बैठक में ये संदेश देने में कामयाब रहें कि भ्रष्टाचार तो किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे, चाहें वो कमांडेंट किसी का खास हो…। जवानों से जबरियन आथिैक शोषण करने, इस दुनिया को छोड़कर जाने वाले कर्मठ होमगार्डों से ‘मृतक आश्रित भतीै’ के नाम पर लाखों रुपये की अवैध ‘वसूली’ करने वाले कमांडेंट को उन्होंने मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा…। अधिकतर कमांडेंट मृतक आश्रितों की भर्ती को नहीं कर रहे हैं। वजह कई हैं,कोई कमांडेंट डेढ़ से दो लाख रुपये मांग रहा है तो कई जनपदों में मृतक अश्रितों के बच्चों की उम्र कम है…। अधिकारियों की बात मानकर चलूं तो मीटिंग में अपर प्रमुख सचिव और डीजी छाये रहें और मंत्री धर्मवीर प्रजापति ‘मौनी बाबा’ की तरह मौन रहें।
होमगार्ड मुख्यालय पर आयोजित समीक्षा बैठक में होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति,अपर प्रमुख सचिव बी.एल.मीणा,डीजी बी.के.मौर्य सहित प्रदेश के समस्त डीआईजी, मंडलीय कमांडेंट व जिला कमांडेंट शामिल थे। अपर प्रमुख सचिव ने जब कमांडेंट के कार्यों की समीक्षा साक्ष्यों के साथ करनी शुरु की तो सभी हक्का-बक्का रहे गये। पहले कमंाडेंट को क्या कहा इस पर नजर डालते हैं…
1-श्री मीणा ने सहारनपुर के जिला कमांडेंट विजय कुमार को खड़ा कराया और कहा कि मृतक आश्रितों की भर्ती क्यों रोक रखे हो ? क्यों भर्ती प्रकरण लंबित है? जवाब: नहीं सर,ऐसी बात नहीं है। श्री मीणा- तो किसी मृतक आश्रित के परिवार से बात कराओ। साहेब की बोलती बंद। श्री मीणा ने कहा तो…किसी बाबू से बात कराओ ? साहेब ने सिर नीचे कर लिया…। सस्पेंड़ कर दूंगा।
2-श्री मीणा ने मिर्जापुर के जिला कमांडेंट बी.के.सिंह को खड़ा कराया। कहा कि तुम भर्ती के संबंध में पैसा लेते हो ? कमांडेंट का जवाब-नो सर। श्री मीणा ने कहा तुम्हारे खिलाफ मिर्जापुर के मंत्री ने आरोप लगाया है पैसा लेकर सारा काम करते हो…। सस्पेंड़ कर दूंगा…। द संडे व्यूज़ के पास जो जानकारी है, उसके मुताबिक केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने कमांडेंट बी के सिंह पर भ्रष्टïाचार का आरोप लगाया है।
3-श्री मीणा ने हरदोई के कमांडेंट मनोज कुमार को खड़ा कराया। कहा कि तुम पैसा लेकर काम करते हो ? नो सर…. ट्रेनी एसडीएम को अभी कॉल लगाऊं। उन्होंने कहा है कि पैसा लेकर काम करते हो। इस दौरान मंत्री धर्मवीर प्रजापति चुप्पी साधकर अपर प्रमुख सचिव की ओर ताकते रहें। शायद उन्हें अंदाजा नहीं होगा कि ये उनके अफसरों की समीक्षा बैठक नही खुलासा बैठक होगा। कहा कि मैं ‘साइक्लोजिस्ट’ हूं चेहरा देखकर चेहरे से पहचान लेता हूं कि सामने वाला किस तरह का इंसान है।
इस दौरान श्री मीणा ने मंत्री और डीजी की तरफ देखकर कहा कि सभी होमगार्डों का आयुष्मान कार्ड ऑैर जीपीएफ फंड का खाता खुलवा दें। हालांकि इसे खुलवाने में सरकार पर करोड़ों रुपये का अतिरिक्त भार आयेगा लेकिन क्या ये संभव है कि बिना शासन से अनुमति मिले डीजी जवानों का आयुष्मान कार्ड और जीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं ?