झांसी अग्निकांड- अगर सही समय पर बज जाता सेफ्टी अलार्म तो बच जाती 10 मासूमों की जान…


सीएम योगी ने दो मंत्रियों को भेजा

संवाददाता, झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज प्रदेश के पुराने चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में शुमार है और मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र का सबसे बड़ा उपचार केन्द्र भी कहा जाता है। इसके बावजूद यहां व्यवस्थाएं पटरी से उतरी रहती हैं। एनआईसीयू वॉर्ड में लगी आग ने इन व्यवस्थाओं की पोल खोल दी।

बताया जा रहा है कि जिस समय आग लगी एनआईसीयू वॉर्ड में 50 से अधिक नवजात बच्चे भर्ती थे। आग लगते ही वॉर्ड की विद्युतापूर्ति बाधित हो गयी और चारों ओर धुंआ ही धुंआ फैल गया। ताज्जुब की बात यह रही कि वॉर्ड में लगा सेफ्टी अलार्म तक नहीं बजा, जिससे सुरक्षा कर्मियों और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को हादसे की जानकारी समय से नहीं लग सकी। जब आग की लपटें और धुंआ देखकर गर्भवती महिलाओं के परिजन बच्चों को गोद में लेकर भागने लगे, तब अफरा-तफरी फैली और आनन-फानन में फायर ब्रिगेड को सूचना दी गयी।

एक के बाद एक करके 6 दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। उधर प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। सेना भी दमकल वाहन के साथ मौके पर पहुंची और वॉर्ड की खिड़की के कांच तोड़कर 37 बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन 10 बच्चों ने दम तोड़ दिया। यदि समय रहते अलार्म बज जाता तो हादसा बड़ा होने से पहले रोका जा सकता था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुए हादसे का संज्ञान लिया है। उन्होंने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और चिकित्सकों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने कहा है कि इस कार्य हेतु पर्याप्त संख्या में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां लगाई जाएं। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि घायलों का समुचित उपचार किया जाए। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य झांसी रवाना हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।


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