जिला सहकारी बैंक घोटाले में पांच और अफसर किए गए निलंबित


अब तक 11 को भेजा गया जेल

संवाददाता, इटावा। जिला सहकारी बैंक घोटाले में सहकारी बैंक केंद्रीयत सेवा के सदस्य सचिव आरके कुलश्रेष्ठ ने पांच और अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। उपमहाप्रबंधक स्तर के ये अधिकारी लेखा विभाग से संबद्ध थे। दो अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इन सभी पर एक अप्रैल 2016 से सितंबर 2023 तक की स्पेशल आडिट रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की गई है।

निलंबित अधिकारियों में उपमहाप्रबंधक विजय बहादुर राव, अनिल कुमार शाह, उमेश कुमार, राजवीर गौतम व आलोक कुमार हैं। सेवानिवृत्त हो चुके दो अधिकारियों विवेक भार्गव व सगीरुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इन सभी को घोटाला छिपाने का दोषी माना गया है।

उपमहाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक उमेश कुमार ने 17 जुलाई को 24 करोड़ 18 लाख रुपये के गबन व 72 लाख रुपये की अनियमितता का मामला थाना कोतवाली में दर्ज कराया था। इसमें दस लोगों को नामजद किया गया था।मुख्य आरोपित अखिलेश चतुर्वेदी और उसके माता-पिता समेत 11 लोग जेल भेजे जा चुके हैं। तीन कर्मचारियों की गिरफ्तारी बाकी है। स्पेशल आडिट टीम की जांच रिपोर्ट के बाद यह घोटाला बढ़कर 102 करोड़ रुपये का हो गया है।

शनिवार को निलंबित विजय बहादुर राव जिला सहकारी बैंक में उपमहाप्रबंधक रह चुके हैं। इस समय वह मीरजापुर में तैनात हैं। उनके बाद अनिल कुमार शाह उपमहाप्रबंधक रहे। अब उनकी तैनाती प्रयागराज में है। इसके बाद तैनात रहे राजवीर गौतम के साथ ही वर्तमान में अब आगरा में तैनात आलोक कुमार और मुकदमा दर्ज कराने वाले उमेश कुमार कार्रवाई के घेरे में आए हैं।


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