जिला उपाध्यक्ष, आजमगढ़ अजय सिंह ने शासन और मुख्यालय को लिखकर शिकायत की- कमांडेंट मनोज बघेल 2000 रिश्वत लेकर जवानों की ड्यूटी लगाता है
शेखर यादव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल एवं विधान परिषद सदस्य रामसूरत राजभर ने आज़मगढ़ के कमांडेंट मनोज बघेल को भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाकर आजमगढ़ से हटाए जाने के लिए शासन और मुख्यालय को पत्र लिखा है। आजमगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि ड्यूटी के नाम पर कमांडेंट 2000 रुपये की अवैध वसूली भी करते हैं। पत्र में लिखा है कि कमांडेंट जवानों से 2000 की वसूली करके यह लिखवा लेते हैं कि मैंने कोई रिश्वत नहीं दी, जो जवान यह लिखकर नहीं देता है उसकी ड्यूटी दूर लगा दी जाती है।
उन्होंने लिखा है कि आज़मगढ़ में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल ने भी शासन और मुख्यालय को को अपने पत्र में कमांडेंट को हटाए जाने के लिए लिखा है। इसके अलावा भाजपा के कई वरिष्ठ नेता गोरखपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय महामंत्री सहजानंद राय, आजमगढ़ के जिला उपाध्यक्ष हरवंश मिश्रा, पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, आजमगढ़ के जिला अध्यक्ष धु्रव कुमार सिंह, यूपी कोऑपरेटिव यूनियन के अध्यक्ष शिवनाथ सिंह, यूपी उद्योग व्यापार संगठन विजय सिंह, आजमगढ़ के जिला अध्यक्ष सूरज श्रीवास्तव ने भी लेटर पैड पर मनोज बघेल की शिकायत की और उन्हें तत्काल हटाए जाने की मांग की। इन सभी का आरोप है कि कमांडेंट मनोज बघेल के द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे प्रदेश सरकार की छवि खराब हो रही है।
उसके बावजूद भी मनोज बघेल को बलिया के जिला कमांडेंट का अतिरिक्त चार्ज दे दिया जाता है, जबकि बलिया मऊ के पास है। नियमत: चार्ज मऊ के जिला कमांडेंट को मिलना चाहिए था।
इस पूरे मामले ने राजनीतिक हलकों में बड़ी हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के कई बीजेपी के नेताओं ने ही कमांडेंट मनोज बघेल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। और अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है इस बात की आजमगढ़ में बहुत जोरों पर चर्चा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा एक अधिकारी की शिकायत पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी, बल्कि मनोज बघेल को तोहफे के तौर पर एक अतिरिक्त जिले की जिम्मेदारी और दे दी गई।
हल्ला बोल के अगले अंक में- भाजपा के मंत्री ही कर रहे हैं भ्रष्ट कमांडेंट की शिकायत, बड़े अफसर क्यों हैं खामोश ?