संजय पुरबिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सरकारी विभाग में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें पांच मासूमों के हत्यारे को ‘बख्श’ दिया गया। जिस हत्यारे पर ‘कठोर कार्रवाई’ होनी चाहिये उसे सरकार ने ‘प्रमोशन’ देकर सम्मानित किया और संदेश भी दे दिया कि जिसकी ‘ऊपर तक पैठ’ हो,उसका कोई बाल-बांका नहीं कर सकता।
शर्मनाक बात तो यह है कि वो परिवार जिसका कभी पड़ोसी से मुटाव तक नहीं हुुआ,यदि किसी से अनबन होती भी तो वे लोग उल्टा उसे ही मान-मनव्वल करते थे। बेहद शांत तरीके से जीवन यापन करने वाले उस शख्स के साथ उसकी पत्नी और दो बच्चों की मौत हो गयी…। मीडिया में भी खूब हो-हल्ला मचा…। जिस दिन एक ही परिवार के पांच लोग मौत के मुंह में समा गये, सरकार के मंत्री से लेकर पुलिस-प्रशासन मौके पर पहुंचकर खूब बखान किया लेकिन शायद ये उत्तर प्रदेश की सोच है कि घटना के वक्त नियम-कानून की दुहायी देते हैं और कुछ दिनों बाद भुल्लकड़ की तरह सभी अपने-अपने काम-काज में लग जाते हैं।
मीडिया ने भी खुलासा करने की जहमत नहीं उठायी कि आखिर जिस परिवार के पांच लोग असमय काल के गाल में समा गयें, उनके हत्यारों काो पुलिस ने गिरफ्तार किया या नहीं ? हत्या में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया या नहीं ? संबंधित थाने की पुलिस ने मामले में अभी तक तफ्तीश पूरी क्यों नहीं की ? या पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले सीनियर ऑफिसर को क्यों नहीं गिरफ्तार किया ?
बात जो भी ‘द संडे व्यूज़’ पूरी बेबाकी के साथ इस पूरे घटनाक्रम में दोषी अफसर का चेहरा बेनकाब करेगा,जिसे सरकार ने जेल भेजने के बजाये प्रमोशन देकर सम्मानित करने का काम किया…। देखते रहिये राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र ‘द संडे व्यूज़’…