संजय पुरबिया
लखनऊ। होमगार्ड,कारागार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने आगरा के जिला कमांडेंट संतोष कुमार को तत्काल प्रभाव से हटाकर मुख्यालय सम्बद्ध कर दिया है। मंत्री श्री धर्मवीर प्रजापति का साफ तौर पर कहना है कि ‘अनुशासनहीनता’ और जवानों का ‘शोषण’ करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। आगरा कमांडेंट की खिलाफ होमगार्डो का शोषण करने सहित कई गंभीर शिकायतें मिली है,जिसे देखते हुये उसे आज मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है। सीधी बात करें तो इस वक्त होमगार्ड विभाग का माहौल पूरी तरह से बदला-बदला नजर आ रहा है। मंत्री धर्मवीर प्रजापति की ‘ईमानदारी’ और डीजी बी. के. मौर्य के ‘सख्त तेवर’ ने विभाग में जवानों का शोषण करने व ‘अवैध वसूली’ की धमक से ‘अकूत संपत्ति’ बनाने का सपना देखने वाले कमांडेंट ‘सदमे’ में हैं। एक के बाद एक कर कई जिला कमांडेंट के खिलाफ हो रही कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि मंत्री और डीजी की ‘जोड़ी’ ‘भ्रष्टाचार’ करने व ‘वर्दी का मान’ खराब करने वाले अधिकारियों को नहीं छोड़ेंगे।
शर्मनाक बात यह है कि मंत्री धर्मवीर प्रजापति का गृह जनपद आगरा है और वहां पर तैनात जिला कमांडेंट संतोष कुमार उन्हें नजर अंदाज कर अपनी ड्यूटी करता चला आ रहा है। विभागीय मंत्री होने के नाते, प्रोटोकॉल के तहत भी कमांडेंट को काम करना होता है लेकिन अक्सर संतोष कुमार नियमों को तार-तार करते पाये गये हैं। इतना ही नहीं,डयूटी में लापरवाही बरतने,होमगार्डों से अवैध वसूली की कई शिकायतें मिलने के बाद विभागीय मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने आज सख्ती का रुख अख्तियार करते हुये आगरा कमांडेंट संतोष कुमार को वहां से हटाने का निर्देश जारी कर दिया।
डीजी,होमगार्ड बी.के.मौर्य ने मंत्री के निर्देशों का पालन करते हुये कमांडेंट-आगरा संतोष कुमार को तत्काल प्रभाव से मुख्यालय सम्बद्ध होने का निर्देश जारी कर दिया गया है। डीजी श्री मौर्य ने बताया कि जिला कमांडेंट फिरोजाबाद को उनके निर्दिष्ट कार्यों के साथ-साथ कमांडेंट-आगरा का अतिरिक्त प्रभार अस्थायी रुप से देखने का निर्देश भी जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि कमांडेंट,आगरा संतोष कुमार के खिलाफ लगातार शोषण एवं अनियमिता बरतने की शिकायतें मिल रही थी,जिसे गंभीरता से लेते हुये मंत्री जी ने उसे वहां से हटाकर मुख्यालय सम्बद्ध करने का निर्देश है।
कुछ न कुछ मजबूरियां रही होंगी, यू ही कोई बेवफ़ा नहीं होता …। अगले अंक में जानेंगे कि आखिर क्यों संतोष कुमार को सस्पेंड न करके मुख्यालय से सम्बन्द्ध किया गया…। बने रहिए संजय पुरबिया के साथ…