नई दिल्ली । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों लुहांस्क, डोनेस्क, खेरसान और जपोरीजिया को रूस में मिलाने के साथ अंतरराष्ट्रीय पटल पर माहौल को गरमा दिया है। क्रेमलिन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में पुतिन ने कहा कि हम सभी उपलब्ध साधनों और पूरी ताकत से अपने भूभाग की रक्षा करेंगे। दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इन भूभागों को हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई। इतना ही नहीं अमेरिका समेत दुनिया के तमाम मुल्कों ने पुतिन के एक्शन का विरोध जताया है। इससे इलाके में फिर तनाव बढ़ने के आसार हैं।
पुतिन दे चुके हैं परमाण हथियारों की धमकी
पुतिन ने साफ शब्दों में कहा कि उसके कब्जे वाले क्षेत्रों के नागरिक रूस का हिस्सा होंगे। रूस हर सूरत में इन क्षेत्रों की रक्षा करेगा। रूस की ओर से परोक्ष रूप से टैक्टिकल एटमी हथियारों के इस्तेमाल की चेतावनी भी दी गई है। पुतिन के अपने कार्यों को सही ठहराने के लिए बल प्रयोग का एक लंबा इतिहास रहा है। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक रूस और उसकी राजनीति पर 24 किताबें लिखने वाले मार्क गेलोटी का मानना है कि पुतिन एक ऐसे शख्स हैं जो कुछ भी कर सकते हैं।
जपोरिजिया परमाणु संयंत्र पर मंडराया खतरा
मौजूदा वक्त में यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र जपोरिजिया के पास के सभी चार संलग्न क्षेत्रों में भयंकर लड़ाई जारी है। रूसी सेना ने जपोरिजिया में एक नागरिक काफिले पर गोलाबारी की जिसमें 30 लोग मारे गए। रूस ने इसके लिए यूक्रेन को दोषी ठहराया है। वहीं यूक्रेन ने रूस से एटमी संयंत्र को बड़ा खतरा बताया है। डोनेटस्क क्षेत्र के प्रमुख शहर लाइमन के आसपास भारी लड़ाई जारी है, जहां यूक्रेनी सेना ने बड़ी संख्या में रूसी सैनिकों को घेर लिया है।