चित्रकूट: एक करोड़ से ज्यादा की लागत से बनी 200 मीटर रोड 3 माह में धंसी


चित्रकूट। एक तरफ सरकार है कि लोगों को आने जाने के लिए अच्छे हाइवे और मुख्य मार्ग बनाने का संकल्प ले चुकी है और इसके लिए सरकार खूब पैसा भी खर्च कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भी हर बार अपनी रैलियों में यूपी की रोडो का जिक्र करते थकते नही है। चाहे वह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे हो या फिर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे हो। लोगों का कहना है कि सरकार हर 60 किलोमीटर पर एक टोल बूथ बना रही है। जिससे आने जाने वाले यात्रियों को टोल के नाम पर भारी भरकम टैक्स वसूलने का काम किया जा रहा है।

तो वही लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रदेश की रोड खस्ताहाल हो चुकी हैं। चित्रकूट जिले के आधे से ज्यादा मार्ग इसकी चपेट में है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक रोडो के हाल बेहाल है। पुराना बहिलपुरवा से लेकर करका पड़रिया रुखमा कलेक्ट्रेट से लेकर देवांगना ददरी मार्ग वही गांव की बात करें, तो मुख्यालय से सटे महज 1 किलोमीटर के ग्राम पंचायत कछार पुरवा कोलगदहिया संपर्क मार्ग 15 साल से पड़ी निर्माणाधीन सड़क आज तक सही नहीं हो पाई है। वही ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाए हैं कि सरकार ने अच्छे दिनों का वादा किया था लेकिन अच्छे दिन कब आएंगे यह नहीं बताया गया था।

आज उसी का नतीजा है कि चित्रकूट जिले में आधे से ज्यादा सड़के भ्रष्टाचार की भेंट और खस्ताहाल सड़कें होने से लोग आय दिन दुर्घटना का शिकार हो रहे है। प्रदेश सरकार मे पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री चित्रकूट के ही रहने वाले हैं और इन्ही खराब रास्तो से आना जाना होता है। लोगो ने आरोप लगाया है कि उनके यहां रहने ना रहने का कोई मतलब नहीं निकल रहा है। हाल ही में ट्रैफिक चौराहे से 200 मीटर बनी उच्च क्वालिटी की डामर की सड़क धंस गई है, जिसे 3 महीने कोरोना काल के समय 1 करोड़ 26 लाख की लागत से बनाया गया था। जब मुख्यालय की सड़कों का यह हाल है तो सोचिए ग्रामीण इलाकों के दूरदराज वाले क्षेत्रो में क्या हाल होंगे। अभी हाल ही में आये सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अपने मंच से गड्ढा मुक्त सड़के करने का हवाला दिया था पर यह कितना सच है चित्रकूट और उसके आस पास के क्षेत्रों में जाकर देखा जा सकता है।

अब सरकार अपनी गाथा को गिनते थक नहीं रही है तो वही मंत्रियों से लेकर विधायक और विधायक से लेकर सरकारी नौकरशाहों ने सरकारी सिस्टम को हिला कर रख दिया है और सरकारी खजाने को हड़पने का काम कर रहे है। चित्रकूट का पीडब्ल्यूडी विभाग इतना भ्रष्ट हो चुका है कि एक बार में एक करोड़ 26 लाख की लागत से बनी नगर पालिका सदर की रोड सही नहीं बना सका जबकि पीडब्ल्यूडी का कार्यालय इसी रोड से महज 50 मीटर की दूरी पर है। इसी रोड से हर दिन सैकड़ो वीवीआइपी नेता और सरकारी नौकरशाही गुजरते है, लेकिन किसी का ध्यान आज तक इस पर नही गया है।

हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग 35 पर पिपरावल संपर्क मार्ग पर एक बड़ा सा गड्ढा मौत को दावत दे रहा है। यातायत पुलिस ने बड़ा गड्ढा देख महीनों से वहां बेरिकेड्स लगा रखे है, लेकिन महीनो बीत गए 5 मीटर गड्ढा नही भर सका गया। साथ ही पटेल चौक पर बाईपास ना होने से ट्रक वाले सरदार पटेल की बाउंड्री पर अपनी गाड़ी निकलाते समय लड़ा देते है और गाड़िया निकल नही पाती। क्योंकि एक तरफ रोड नही है गड्ढा है लेकिन रोड नहीं बना सकी है। शंभू पेट्रोल पंप के पास स्टेशन को जाने वाला संपर्क मार्ग पूरी तरीके से गद्दों में तब्दील हो चुका है लेकिन धर्म नगरी की मुख्य मार्ग कहीं जाने वाली यह रोड अपने आंसू बहा रही है।


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