जमुई: अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत खैरा प्रखंड मुख्यालय पर एकदिवसीय धरना दिया गया। धरना की अध्यक्षता एटक नेता कामरेड सूर्य मोहन रावत ने किया।
धरने को संबोधित करते हुए भाकपा माले जिला सचिव कामरेड शंभू शरण सिंह ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी किसानों की स्थिति दयनीय है।
आज पूरे देश के किसान दिल्ली मार्च कर रहे हैं और वह मांग कर रहे हैं कि पार्लियामेंट के अंदर किसानों के खाद्यान्न को पूंजीपतियों के हाथों में बेचने वाला तीन कृषि बिल के खिलाफ पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश के किसान आज संघर्ष कर रहे हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि पार्लियामेंट के अंदर जो किसान विरोधी बिल पारित हुआ है उसे तत्काल सरकार वापस ले और हर एक पंचायत में धान क्रय केंद्र खोलने की गारंटी की जाए।
वही मौके पर उपस्थित सीपीआई नेता गजाधर रजक ने कहा कि 68 लाख करोड़ रुपए के वार्षिक खदान व्यापार को दो चार अपने चहते कॉरपोरेट के हाथों में सौंपकर खेत खलिहान को गिरवी रखने का यह घिनौना पड्यंत्र रच रहे है।
वही मौके पर उपस्थित आइसा नेता बाबू साहब ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा साधारण धान खरीदी के लिए निर्धारित समर्थन मूल्य 18 68 रखा गया है लेकिन किसी भी पंचायत में धन धान खरीदारी केंद्र नहीं खोला गया है और बिजोलिया मात्र ₹10 का रुपए किलो धान ले रहा है।
किसान महासभा यह मांग करता है कि तत्काल हर एक पंचायत में धान के निर्धारित मूल्य के आधार पर किसानों से धान लिया जाए। अगर सरकार तमाम पंचायतों में क्रय केंद्र नहीं खोलेंगे तो आने वाले दिनों में इस सवाल को लेकर प्रखंड मुख्यालय किसान सभा द्वारा अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।
मौके पर उपस्थित भाकपा माले के वरिष्ठ नेता कामरेड वासुदेव राय ने कहा कि मनरेगा मजदूरों को 200 दिनों की काम की गारंटी कर और गरीब विरोधी चार श्रम कोड कानून को वापस ले सरकार धरने में उपस्थित जयप्रकाश रावत, प्रवीण पांडे सुभाष सिंह, सिकंदर सिंह, सुरेश मांझी, विसुनदेव तांती, सरदार मोदी, सुबोध साह, रामचरित्र सिंह, लखन यादव, धानो साह सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।
रिपोर्ट: विजय कुमार