लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि हाथरस काण्ड में भाजपा सरकार की लीपापोती नीति के विरूद्ध प्रदेश में जनाक्रोश थम नहीं रहा है। इससे डर कर और अपना कृत्य छुपाने के लिए कुछ अधिकारियों को हटा जरूर दिया गया है लेकिन न्याय की मांग है कि उन पर एफआईआर भी दर्ज हो ताकि उनसे यह सच उगलवाया जा सके कि किसके दबाव में उन्होंने आतंक फैलाया, रात में परम्परा के विपरीत दलित नवयुवती का शव क्यों जला दिया और पीड़ित परिवार को बंधक बनाकर क्यों रखा। मीडिया व विपक्षी सांसदों तक से क्यों दुव्र्यवहार किया गया। उन्हें पीड़िता के परिवार से क्यों नहीं मिलने दिया।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर 02 अक्टूबर 2020 को हाथरस की बेटी के लिए लखनऊ हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क में गांधी जी की प्रतिमा पर मौन व्रत रखकर बैठने जा रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एवं विधायकों को गिरफ्तार कर और कार्यकर्ताओं पर बर्बरता से लाठीचार्ज कर भाजपा सरकार ने सत्य की आवाज हिंसक तरीके से दबाई है।
महिलाओं को गिरफ्तारी से पूर्व सड़क पर गिराकर घसीटा गया, उनके कपड़े फाड़े गए और अपमानित किया गया। यह कृत्य निन्दनीय है।