सीवान| सीवान मैरवा मुख्य मार्ग पर स्थित सुता फैक्ट्री पर कर्मचारी के भारी विरोध के वावजूद भी बुलडोजर चलाया गया। सुता फैक्ट्री करीब दो दशक से बंद हालत में पडा़ है, जिसको तोड़ने का कार्य प्रशासन के देखरेख में शुरू कर दिया गया है। कर्मियों का कहना था कि सरकार पहले हमारे बकाए पैसे का भुगतान करे उसके बाद ही हम भवन को तोड़ने देंगे। जिसके बाद बड़ी संख्या में महिला-पुरुष पुलिसबल की तैनाती मौके पर की गई थी। हालांकि डीएम अमित कुमार पांडेय के निर्देश पर सदर एसडीओ रामाबाबू बैठा, एसडीपीओ जितेन्द्र पांडेय, सहायक सदर एसडीओ अभिषेक चंदन, सदर बीडीओ रमेन्द्र कुमार की टीम जैसे ही सूता मिल के भवन को बुधवार की सुबह तोड़ने पहुंची मिल कर्मियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इस दौरान सरकार विरोधी नारे भी लगाए गए। कर्मियों के नहीं मानने पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी रामबाबू बैठा व एसडीपीओ जितेंद्र पांडेय ने आक्रोशित कर्मियों को समझा बुझाकर भवन तोड़वाने का कार्य शुरू कराया।सरकारी सूता मिल भवन को सरकार द्वारा नीलाम किए जाने के बाद भवन निर्माण विभाग द्वारा करीब चार माह पूर्व से ही भवन को तोड़ने की कवायद की जा रही थी, लेकिन कर्मियों के लगातार विरोध के बाद मामला ठंडा पड़ जा रहा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा इंजीनियरिग कॉलेज निर्माण के लिए भवन को अधिग्रहित किया गया था। इसको लेकर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक मार्च 2019 को इंजीनियरिग कॉलेज व चहारदीवारी का निर्माण कार्य का शिलान्यास भी किया था।