सहारनपुर: नागल थाने पर तैनात एसआई ने अपने ही थाने से मदद न मिलने पर की ऑडियो वायरल


सहारनपुर। सुशिल कपिल: भ्रष्टाचार किस प्रकार नाड़ियों में खून बनकर दौड़ रहा है इसका जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया थाना नागल प्रभारी ने जिसने अपने ही एक एसआई को जंगल में वन माफियाओं के बीच बार-बार मदद मांगने के बावजूद भी असहाय छोड़ दिया। एसआई की जान तक की परवाह नहीं की जंगल में कुछ भी अप्रिय घट सकता था।

थाना नागल पर तैनात एसआई सुनील कुमार ने देर रात ग्राम साधारण सिर में आम के बाग से काटे गए प्रतिबंधित आम के पेड़ की लकड़ी से भरी तीन ट्रैक्टर ट्रॉलियां व बाग़ के अंदर कटे पड़े पेड़ों को पकड़ा था। इसकी सूचना तत्काल एसआई सुनील द्वारा थाने पर दी गई और मदद के लिए फोर्स तथा चार ट्रैक्टर चलाने वाले मांगे गए। पांच, छः मर्तबा थाने पर कॉल करने के बावजूद 4 घंटे तक उसे मदद नहीं भेजी गई और अंत में उसे यह कहा गया कि साहब ने मना कर दिया है। इस मामले को लेकर एसआई द्वारा थाने पर की गई सभी ऑडियो कॉल की बातचीत वायरल कर दी जिसमें एसआई बार-बार घबराया हुआ मदद मांग रहा है।उसके द्वारा थाने पर की गई कॉल में कहा गया कि ऐसे तुम किसी को मरवा दोगे मैं इस संबंध में डीआईजी साहब और कंट्रोल रूम को सूचना दूंगा और जाकर मिलूंगा।

अंत में उसके द्वारा 112 पर कॉल कर पूरी घटना की जानकारी देकर मदद मांगी गई जिसमें एसआई सुनील कुमार को मदद का आश्वासन दिया गया।
बता दें वन माफिया प्रतिबंधित आम की लकड़ी को अवैध रूप से बगैर वन विभाग की स्वीकृति लिए चोरी से काटते हैं और यह मामला रात को अंजाम दिया जाता है। जनपद सहारनपुर के अंदर पूर्व में सैकड़ों आम के बाग अवैध रूप से काटकर उनको आवासीय कॉलोनियों में परिवर्तित कर दिया गया है।

वहीं जनपद सहारनपुर के अलावा आसपास के जनपदों में आम की लकड़ी का फर्नीचर आदि में अत्यधिक प्रयोग होता है। आम के पेड़ काटने पर प्रतिबंध होने के चलते वन माफिया इसे चोरी छुपे काटकर लकड़ी मंडियों में भेजते हैं जिससे उन्हें मोटा मुनाफा अर्जित होता है, इसमें पुलिस भी अहम भूमिका निभाती है। कहीं ना कहीं कल रात की घटना भी इस ओर इशारा कर रही है तभी थाना प्रभारी नागल द्वारा अपने एसआई को मदद नहीं भेजी गई वरना कोई अधिकारी इतना गैर जिम्मेदार कैसे हो सकता है। ऑडियो कॉल में साफ सुनाई दे रहा है दूसरी ओर से बात कर रहे पुलिसकर्मी धनगढ़ ने एसआई को साफ कहा कि साहब मदद भेजने से मना कर रहे हैं।


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