
शाश्वत तिवारी
New delhi: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि सरकार ने पिछले तीन वर्षों में मदद पोर्टल से केवल गल्फ क्षेत्र में ही करीब 1,38,000 शिकायतों का समाधान किया है। डॉ. जयशंकर ने 3 दिसंबर को यहां आयोजित भारतीय विश्व वार्षिक सम्मेलन 2025 में कहा कि हम पासपोर्ट और कॉन्सुलर सर्विस पर सेस लेते हैं और इसका इस्तेमाल मुश्किल में फंसे लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाता है। भारतीय समुदाय कल्याण कोष के लिए एकत्रित पासपोर्ट उपकर से लगभग 2,38,000 लोगों को लाभ हुआ है।

विदेश मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के अनुसार मंत्री ने बताया कि भारत में पासपोर्ट बनवाना अब पहले जैसा चुनौती भरा काम नहीं रहा है। लोग अब देश में 500 से अधिक स्थानों से पासपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं। विदेश मंत्री ने कॉन्सुलर सर्विस की बात करते हुए कहा जब आप विदेश में रहते हैं, तो आपको कई तरह के अटेस्टेशन की जरूरत होती है। आपको कई तरह के डॉक्यूमेंट्स को सर्टिफाई करने के लिए लोगों की जरूरत होती है। आज हमारे पास ई-सेवा नाम का एक प्रोग्राम है, जहां अधिकतर लोग इसे ऑनलाइन अपलोड करते हैं और उन्हें ऑनलाइन ही जवाब मिल जाता है। तो डिजिटल मीडियम को अपनाना, फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना, सर्विसेज में सुधार आदि को लेकर जो मोटिवेशन दिया जाता है, ये सब आज असल में एक ग्लोबल वर्कफोर्स तैयार कर रहा है।

जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा ‘द मोबिलिटी इम्पेरेटिव’ पर ‘इंडियाज वर्ल्ड’ एनुअल कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन किया। एक इकोनॉमिक ड्राइवर के तौर पर मोबिलिटी के योगदान को पहचाना। ग्लोबल वर्कप्लेस के लिए ग्लोबल वर्कफोर्स तैयार करने की अहमियत पर जोर दिया। 2014 से सरकार द्वारा यात्रा को आसान बनाने, शिकायतों को दूर करने और विदेश में भारतीयों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए किए गए खास पॉलिसी और प्रैक्टिकल उपायों पर जोर दिया।
अवैध प्रवासन पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि अवैध और अनियमित प्रवासन भारत के हित में नहीं है, लेकिन इसके लिए अन्य देशों से भी सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने दस्तावेजों के सत्यापन और निर्वासन को सुव्यवस्थित करने के लिए इन देशों से अधिक पारदर्शिता और समझ अपनाने का आह्वान किया।