स्कूल बंद- रेल यातायात प्रभावित, 24 घंटे की बारिश में 13 लोगों की मौत; कई घर डूबे


लगातार बरसात का असर नदियों पर भी, बढ़ा जलस्तर

संवाददाता, लखनऊ। प्रदेश के कई जिलों में रविवार से रुक-रुक हो रही बरसात जहां जलभराव को लेकर मुसीबतों का सबब बनी, वहीं अलग-अलग हादसों में 13 लोगों की जान चली गई। इनमें पांच की मौत वज्रपात से हुई। अन्य मौतें करंट, छत ढहने, पेड़ गिरने और डूबने से हुईं। सुबह पांच घंटे तक मूसलधार बरसात से अलीगढ़ टापू बन गया। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के मकान के सामने पानी भर गया। मेयर प्रशांत सिंघल के घर जाने वाला रास्ता भी पानी में डूबा रहा। डीएम ने स्कूल-कालेजों में अवकाश घोषित कर दिया।

मेरठ में भी कक्षा आठ तक के स्कूलों में दो सितंबर तक अवकाश घोषित कर दिया गया है। मुरादाबाद जंक्शन के मुख्य रेलवे ट्रैक पर जलभराव के चलते दूसरी लाइन से ट्रेनें रवाना की गईं। इस बीच मौसम विभाग के अनुसार इस पूरे सप्ताह लखनऊ और आसपास जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तीन से छह सितंबर के बीच भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी है। लगातार बारिश से अलीगढ़ शहर के लगभग सभी मुख्य मार्ग, गली-मुहल्ले पानी से लबालब भर गए। अधिकांश शहर में बिजली सप्लाई ठप रही। घुटनों के ऊपर तक भरे पानी में कई दोपहिया व चारपहिया वाहन बंद हो गए। अनेक मकानों व दुकानों में पानी भर गया।

मुरादाबाद मंडल में रविवार देर रात से सोमवार पूरे दिन तक करीब 13 घंटे लगातार हुई बरसात जान-माल हर लिहाज से आफत बनकर बरसी। संभल में माता-पिता संग मंदिर दर्शन कर लौट रही चार वर्षीय बच्ची और जिले में ही एक अन्य हादसे में कांस्टेबल रजनीश कोतवाली से घर लौटते समय बरसात में उफनाए नाले में गिर गए। डूबने से दोनों की मौत हो गई।

मुरादाबाद में बरसात से घर में भरे पानी के बीच करंट की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। दो किशोर बरसात के बीच तालाब में नहाते समय डूबकर मर गए। मेरठ में एक मकान की छत गिरने से वृद्ध की मौत हो गई। वहीं पेड़ गिरने की घटनाओं में दो युवकों की दबकर मौत हो गई। वज्रपात से हरदोई में दो, बहराइच में दो और गोंडा में एक व्यक्ति की मौत हो गई।

रायबरेली में दो लोग बिजली गिरने से झुलस गए। रायबरेली और अमेठी समेत कई जगह कच्चे मकान ढह गए। अयोध्या, सुलतानपुर, लखीमपुर, बाराबंकी, बलरामपुर, अंबेडकरनगर व श्रावस्ती में भी में रुक रुक कर बारिश होती रही।

कानपुर और आसपास जिलों में भी बारिश हुई। फतेहपुर रविवार की रात से शुरू हुई बारिश सोमवार की सुबह तक जारी रही। यहां तीन मकान ढहने से दंपती मलबे में दबने से चुटहिल हो गए। इटावा में मैनपुरी क्रासिंग पर बने अंडरपास में पानी भरने से इटावा-मैनपुरी और इटावा-आगरा की ओर जाने वाले वाहनों का आवागमन रोका गया। वाहन दूसरे रास्तों से भेजे गए। लगातार बारिश से सभी जगह फसल जलमग्न हो गईं। विशेषज्ञों के अनुसार बरसात गन्ना व धान की फसल के लिए बेहतर बताया जा रहा, लेकिन सब्जियों की उपज के लिए नुकसानदायक है। लगातार बरसात का असर नदियों के जलस्तर पर भी पड़ा। अमरोहा में गंगा, मुरादाबाद में रामगंगा व गागन और रामपुर में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। तीनों जिलों में जलस्तर खतरे के निशान से करीब दो मीटर कम है।

फतेहपुर में लगातार गिरावट के बाद गंगा का जलस्तर सोमवार को तीन सेंटीमीटर बढ़ गया। उन्नाव में गंगा का जलस्तर पांच सेंटीमीटर बढ़ा है। कन्नौज में भी गंगा का जलस्तर बढ़ा है। फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर स्थिर है। उन्नाव में पांच सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर बढ़ा है।


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