अक्सर लोग यही समझते हैं कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सोने की कीमत को तय या कंट्रोल करता है, लेकिन ऐसा नहीं है.

धनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। Sone ka bhav news : सोने की कीमत आसमान छू रही हैं। मिडिल क्लास सोने की खरीदारी से दूर होते जा रहे हैं। वो सोने के रेट कम होने का इंतजार कर रहा, इन सबके बीच ये सवाल भी उठता है कि आखिर सोने की कीमत तय कौन करता है और किन वजहों से उसमें उतार-चढ़ाव होता है।

भारत में सोने का कोई स्थिर भाव नहीं :
बाजार में जिस भाव पर सोना खरीदा जाता है, उसे स्पॉट कीमत यानी हाजिर भाव करते हैं. स्पॉट रेट गोल्ड की उस दिन की मार्केट की कीमत होती है, जो तुरंत खरीद-बिक्री के लिए होती है. यह भाव 24×7 बदलता रहता है. भारत में फिलहाल हर सोने का एक रेट नहीं है, अलग-अलग शहरों और गुणवत्ता के हिसाब से सोने के भाव में अंतर होता है.
क्या होता है MCX रेट और बुलियन:
एमसीएक्स यानी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज मुंबई में स्थित है. इस एक्सचेंज को साल 2003 में स्थापित किया गया था. इसपर सोने-चांदी के अलावा तेल और कृषि प्रोडक्ट्स की फ्यूचर्स ट्रेडिंग होती है. यहां सोने की फ्यूचर कीमत पर सोने की ट्रेडिंग होती है. एक किलो, 100 ग्राम, 8 ग्राम, 1 ग्राम में ट्रेडिंग होती है. इसी तरह से बुलियन मार्केट गोल्ड और सिल्वर जैसी कीमती चीजों का बाजार है. लेकिन बात सोने की कीमत की करें तो वो यहां से तय नहीं होती है.
सोने की मांग और आपूर्ति के बीच बड़ा अंतर, गोल्ड स्मगलिंग (gold smuggling) में जबरदस्त इजाफा
Gold Rate के आसमान पर पहुंचने और अवैध सोने की तस्करी के बढ़ते मामलों को लेकर विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि जब तक डिमांड ऊंची रहेगी और आधिकारिक आपूर्ति सीमित रहेगी, अवैध सोने की तस्करी से गतिविधियां फलती-फूलती रहेंगी. आएदिन सीमावर्ती क्षेत्रों में सोना तस्करों की गिरफ्तारी और सोने के बिस्कुट आदि की बरामदगी इस बात की तस्दीक करते हैं. सोने की तस्करी में सीधे-सीधे अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोगों के शामिल होने की बातें सामने आती रही हैं. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि अवैध सोने की तस्करी के मामलों में जबर्दस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है. सर्राफा व्यापारी भी इस बात को कबूल कर रहे हैं कि सीमित आपूर्ति के चलते गोल्ड स्मगलिंग में इजाफा हो रहा है.
ऐसे प्रतिदिन तय होती है सोने की कीमत
रिजर्व बैंक सोने की कीमत को तय नहीं करती. न ही भारत सरकार इसका फैसला लेती है. वैश्विक मूल्य, रुपये और डॉलर की विनिमय दर और स्थानीय मांग-आपूर्ति के साथ, अंतरराष्ट्रीय कीमतों और अन्य कारकों के आधार पर इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) दैनिक रूप से सोने की दरें तय करता है. बाजार की मांग-सप्लाई, ग्लोबल फैक्टर और सरकारी नीतियों की मदद से सोने की कीमत तय की जाती है. सोने की शुद्धता, उसके कैरेट के हिसाब से उसकी कीमत में अंतर होता है. अधिकांश शहरों में सर्राफा कारोबारियों के एसोसिएशन की ओर से मार्केट खुलने पर सोने का रेट तय किया जाता है. वायदा बाजार में जो कीमत आती है, उसमें वैट, लेवी एंड लागत जोड़कर रेट लिस्ट जारी कर दी जाती है. यानी भारत में सोने की कीमत सर्राफा कारोबारियों का संगठन IBJA तय करता है.