संवाददाता, लखनऊ। गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरु ग्रंथ के समक्ष मत्था टेका। इस दौरान उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने अपना शीश देकर भारत के शीश जम्मू-कश्मीर को बचाया। गुरु गोविंद सिंह शहीद पिता के पुत्र और शहीद पुत्रों के पिता हैं। प्रकाश पर्व पर सभी को नई पीढ़ी पर यह उपकार करना चाहिए कि सिख गुरुओं का इतिहास उन्हें बताएं कि कैसे विधर्मियों ने जुल्म व अत्याचार किये लेकिन, सिख गुरु उनके आगे झुके नहीं।
आपको बता दें कि सोमवार को डीएवी कालेज परिसर में गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व पर गुरु ग्रंथ के समक्ष उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मत्था टेका। इस दौरान उन्होंने सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह को दशमेश पिता बताते हुए समझाया कि गुरु तेग बहादुर ने देश व धर्म के लिए बलिदान होने के लिए प्रेरित किया ताकि विधर्मी बेनकाब हों।
आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं गुरु गोविंद सिंह के कार्य
उनके कार्य हमें ऊर्जा व आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में जाति को मिटाने व धर्म को बचाने के लिए उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी। गुरु गोविंद सिंह लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारे में आए थे। हम सबका यह दायित्व है कि 350वें शहीदी दिवस पर्व को बड़े पैमाने पर आयोजित करें।
समाज को गुरुओं से प्रेरणा लेकर कार्य करने की जरूरत
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। वहीं मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि समाज को गुरुओं से प्रेरणा लेकर कार्य करने की जरूरत है।
इस मौके पर अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविंदर सिंह ने कहा कि 350वें शहीदी पर्व पर शाहजहांपुर जिले व लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे का नाम बदला जाए। यहियागंज गुरुद्वारे के प्रधान गुरुमीत सिंह ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंट किया और अमरजीत सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।