पिंटू सिंह
बलिया। ‘दबंगई’ की पहचान है पूर्वांचल। आजकल वर्दी के लुटेरे और शिक्षा को कलंकित करने वाले अफसरों की घटिया करतूतों की वजह से पूर्वांचल शर्मसार है। सरकार का कोई डर नहीं है इन पर…। आखिरकार क्या चाहते हैं ? क्या लोक भवन में बैठे अफसर आगामी लोकसभा चुनाव में योगी सरकार को हराना चाहते हैं ? बलिया और मऊ में तैनात डीआईओएस ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। लखनऊ में बैठे नौकरशाहों की सोचना चाहिए जब दो भ्रष्ट अफसरों के भ्रष्टाचार का प्रकाष्ठा पार कर चुके तो इन्हें बर्खास्त क्यों नहीं करते ? यही वजह है सरकार की शिक्षा विभाग में बीएसए से लेकर डीआईओएस सभी मिलकर लूट मचाने में मशगूल है, उन्हें मालूम है कि उत्तर प्रदेश में ‘कार्रवाई’और ‘दवाई’ कुछ भी नहीं होना। बाकी लूट सको तो लूट लो…।
पूर्वांचल में इन दिनों केवल भ्रष्टाचारियों की चर्चा हो रही है। बलिया में पूर्व डीआईओएस रमेश सिंह द्वारा भ्रष्टाचार की ऐसी गाथा लिखी गयी कि प्रदेश भर में आवाज सुनाई पड़ रही है। बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र गुप्ता ने पूर्व डीआईओएस रमेश सिंह पर जनपद के विभिन्न इंटर कॉलेज एवं संस्कृत विद्यालयों में 200 शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां करने का आरोप लगाया है। मामला संज्ञान में आने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। बलिया जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र गुप्ता ने बताया कि पूर्व डीआईओएस रमेश सिंह ने नियमों को तक पर रखकर जिले के कई इंटर कालेजों एवं संस्कृत विद्यालयों में करीब 200 शिक्षकों की नियुक्तियां गलत ढंग से की है। अवैध तरीके से नियुक्त इन शिक्षकों की सूची बनाई जा रही है। उक्त शिक्षकों के संबंध में जब स्थानीय लिपिकों से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कोई भी फ़ाइल अपने पास होने से इंकार कर दिया।
लिपिकों का कहना था कि सभी शिक्षकों की फ़ाइलें तत्कालीन डीआईओएस रमेश सिंह अपने साथ ले गए हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि उनके ऊपर उक्त शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन सभी के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई है। जांच रिपोर्ट के साथ उक्त शिक्षकों की सूची शीघ्र ही शासन को भेजी जाएगी। उसके बाद मामले में उचित कार्रवाई होगी।
गौरतलब है कि पड़ोसी जनपद मऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक रमेश सिंह ने दो दिन पहले विभिन्न अनुदानित स्कूलों में 20 से अधिक फर्जी नियुक्तियों का आरोप लगाते हुए 2 करोड़ के एरियर भुगतान की बात कही थी। यह भी कहा था कि उक्त भुगतान वित्तीय अनियमिता की श्रेणी में आता है। अपने अधीनस्थों को जारी आदेश में जिला विद्यालय निरीक्षक ने उक्त फ र्जीवाड़े में शामिल लोगों का नाम सामने लाने को कहा था। अन्यथा आईआर दर्ज करने की बात कही थी।
जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र गुप्ता का कहना है कि बलिया में अवैध नियुक्तियों का मामला पकड़ में आने के बाद मऊ के लिए दी। डीआईओएस दबाव बनाने के लिए ऐसे आदेश जारी कर रहे हैं, लेकिन वह झुकने वाले नहीं है। बताते चलें कि कुछ माह पहले तत्कालीन बलिया के डीआईओएस रमेश सिंह का तबादला मऊ के लिए हुआ था वहीं मऊ से देवेंद्र गुप्ता बलिया के लिए भेजे गए थे।