संवाददाता, कानपुर। जिला कारागार के अस्पताल में तैनात तीन डॉक्टरों का 10 दिन के अंतराल में कई बार तबादला करने के प्रकरण को जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने इसकी प्राथमिक रिपोर्ट शासन को भेजकर कार्रवाई के लिए संस्तुति कर दी है। सीएमओ से जवाब-तलब का ब्योरा भी शासन भेजा जाएगा। अब स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है।

सीएमओ ने बीती 21 फरवरी से तीन मार्च के बीच जिला कारागार के अस्पताल में तैनात डा. प्रभाकर त्रिपाठी का तबादला सीएचसी चौबेपुर व डा. समीर नारायण सिंह को सीएचसी भीतरगांव भेजा था। इसके बाद इन्हीं का तीन मार्च तक अलग-अलग तबादला आदेश जारी हुआ। इसी तरह चौबेपुर के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से कम्युनिटी हेल्थ आफिसर का तबादला व निरस्तीकरण का मामला भी सामने आया।
जिलाधिकारी ने दैनिक जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित खबर को संज्ञान में लिया है। अब जिला कारागार के अस्पताल से डाक्टरों के पहले तबादले के बाद फिर वहीं वापस लाने के मामले में खेल की जांच शुरू करा प्राथमिक रिपोर्ट शासन को भेजी है। डॉक्टरों को पहले हटाने व फिर वापस वहीं लाने के पीछे की वजह तलाशी जा रही है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशक को भेजी प्राथमिक जांच रिपोर्ट में इतनी जल्दी-जल्दी किए गए तबादलों के साथ ही उससे होने वाली असुविधा का उल्लेख किया है। साथ में सीएमओ के इस रवैये पर आपत्ति जताई है। वहीं, सीएमओ ने तबादलों को रुटीन प्रक्रिया बताया है। जिलाधिकारी का कहना है कि केवल 10 दिन में कई बार तबादले गंभीर विषय है। मामले पर पूरी निगाह है।