लखनऊ। शहीद पथ पर फिनिक्स प्लासियो मॉल के सामने शुक्रवार सुबह करीब 7:30 बजे पिछला टायर फटने से 12 बच्चों से भरी तेज रफ्तार स्कूली वैन डिवाइडर से टकरा कर पलट गई। इस बीच पीछे से आ रही थार कार भी उसमें भिड़ गई। हादसे में स्कूली वैन सवार छह बच्चे घायल हो गए। उन्हें मातृ एवं शिशु अस्पताल और मेदांता में भर्ती कराया गया। बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज गया। मेदांता में भर्ती एक बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है। वैन चालक शिवम को सुशांत गोल्फ सिटी थाने की पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
हादसे का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल संज्ञान लिया। उनके आदेश पर प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, एडीसीपी पूर्वी, एसीपी गोसाईगंज ने मौके का निरीक्षण किया। इसके बाद अस्पताल पहुंचकर डाक्टर से बात की और बच्चों का हाल लिया।
खुर्दही बाजार में रहने वाला वैन चालक शिवम सुबह सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) के 12 बच्चों को उनके घर से लेकर स्कूल जा रहा था। शहीदपथ पर फिनिक्स प्लासियो शापिंग माल के सामने तेज रफ्तार स्कूली वैन का पिछला टायर फट गया। वैन अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराकर पलट गई। इस बीच पीछे से आ रही थार कार भी अनियंत्रित होकर वैन में भिड़ गई। घटना से चीखपुकार मच गई। राहगीर दौड़े, थार सवार प्रशांत मोहनलालगंज निवासी मदद के लिए बाहर आ गए। वह भी बच्चों को थार से छोड़ने हुसड़िया चौराहे के पास जयपुरिया स्कूल जा रहे थे। हालांकि, उनके बच्चे सुरक्षित हैं। थार सवार बच्चे सुरक्षित हैं।
कंट्रोल रूम की सूचना पर पुलिस पहुंच गई। लोगों ने पुलिस की मदद से एक-एक कर बच्चों को वैन से निकाला। हादसे में वैन सवार नौ वर्षीय छात्रा नंदनी उसका छोटा भाई छह वर्षीय अर्थ कनौजिया, 15 वर्षीय सार्थक शुक्ला और आशुतोष गुप्ता को शहीदपथ किनारे लोहिया के मातृ एवं शिशु अस्पताल ले जाया गया। वहीं, आराध्या यादव और माही मौर्या को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। मेदांता में भर्ती आराध्या की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मातृ एवं शिशु अस्पताल के डॉ. श्रीकेश ने बताया कि उनके यहां पहुंचे बच्चों में नंदनी की गर्दन के पास दिक्कत आयी है। उसे अस्पताल में रोका गया है। बाकी अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। पुलिस उपायुक्त दक्षिणी तेज स्वरूप सिंह के मुताबिक, वैन में 12 बच्चे सवार थे, जिसमे छह घायल हुए हैं। मेदांता में भर्ती आराध्या की हालत नाजुक है। अन्य बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।