जौनपुर पूर्व सांसद व बाहुबली धनंजय सिंह आखिरकार बुधवार की सुबह बरेली सेंट्रल जेल से रिहा हुए। बीते शनिवार को सुबह आठ बजे उन्हें जौनपुर के जिला कारागार से बरेली जेल शिफ्ट किया गया था। उसी दिन प्रयागराज हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत भी दी थी।
धनंजय सिंह को अपहरण व रंगदारी के मामले में तत्कालीन जज शरद चंद त्रिपाठी की कोर्ट ने सात मार्च को सजा सुनाई थी। उस मामले में वादी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत दो के खिलाफ अपहरण व रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। पुलिस ने विवेचना करके तीन माह के अंदर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। कोर्ट ने दो अप्रैल 2022 को धनंजय व सहयोगी पर आरोप तय किया था। इसके बाद 130 तारीखों की सुनवाई के बाद पांच मार्च 2023 को धनंजय समेत दो को दोषी पाया गया। इसके बाद सात मार्च 2024 को सजा सुनाई गई।
बीते शनिवार को शासन के आदेश के क्रम में जौनपुर पुलिस ने धनंजय सिंह को बरेली सेंट्रल जेल शिफ्ट किया। इस मामले में सोमवार को कोर्ट की सभी औपचारिकताएं पूरी कर मंगलवार को जौनपुर जिला जेल के अधीक्षक एसके पांडेय द्वारा रिहाई का परवाना रेडियो मैसेंजर के जरिए बरेली सेंट्रल जेल को भेज दिया गया था।
बुधवार को सुबह ही पूर्व संसद धनंजय सिंह को बरेली सेंट्रल जेल से रिहा किया गया। देर शाम तक वे जौनपुर पहुंचेंगे। जौनपुर आकर अपनी पत्नी जो कि बसपा के टिकट पर जौनपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी हैं, उनके लिए प्रचार करेंगे। चार मई को श्रीकला सिंह अपने पति धनंजय सिंह के साथ नामांकन करेंगी।