संवाददाता, गोरखपुर। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने गोरखपुर, देवरिया व कुशीनगर समेत मंडल के चार फर्मों से 14 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी है। मामले का पर्दाफाश होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। विभाग ने चारों फर्मों के विरुद्ध शिकंजा कसते हुए इनके विरुद्ध जुर्माना तय करने की कवायद शुरू कर दी है।
आयुक्त राज्य कर मुख्यालय लखनऊ के निर्देश पर प्रदेश में फर्जी एवं निरस्त फर्मों द्वारा जीएसटी चोरी करने वालों पर राज्य कर विभाग ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 ज्योत्सना पांडेय के निर्देश एवं संयुक्त आयुक्त प्रदीप सोनी के मार्गदर्शन में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (एसआइबी) पूरे संभाग में कार्रवाई कर रहा है।
इसी क्रम में डिप्टी कमिश्नर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (एसआइबी) सुनील कुमार वर्मा ने प्राप्त ब्योरा एवं रेकी कर प्राप्त सूचनाओं के आधार पर मंडल के विभिन्न जनपदों में कुछ फर्मों के विरुद्ध जांच की कार्रवाई की तो पता चला कि इन फर्मों का पंजीयन तो निरस्त है, बावजूद इसके यह विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा टेंडर प्राप्त कर भुगतान पाते रहे है।
जांच के दौरान प्रकाश में आईं चार फर्मों दो खजुरी बाजार, कुशीनगर की है तो एक गौरी बाजार देवरिया तथा एक फर्म आजाद नगर कालोनी, बड़गो, रुस्तमपुर गोरखपुर स्थित है। जिनका जीएसटीएन क्रमशः 29/12/2020, 25/01/2021, 11/08/2020 तथा 26/03/2018 पहले ही निरस्त किया जा चुका है। जांच टीम में सहायक आयुक्त जितेंद्र कुमार रमन, सहायक आयुक्त प्रशांत कुमार द्विवेदी, राज्य कर अधिकारी अशोक कुमार पांडेय तथा राम प्रताप सिंह आदि शामिल रहे।
एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-एक ज्योत्सना पांडेय ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर एसआइबी तथा संयुक्त आयुक्त (एसआइबी) द्वारा जारी आइएनएस-01 लेकर फर्मों की एसआइबी जांच की गई। जांच में पाया कि इन चारों फर्मों द्वारा लगभग 14 करोड़ का भुगतान प्राप्त किया गया और भुगतान के सापेक्ष इन फर्मों द्वारा कर जमा नहीं किया जा रहा था। अब इनसे जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जा रही है।