क्या, कमांडेंट मनोज कुमार का गर्दन मरोडऩे वाले मंडल सुनील कुमार को मंत्री धर्मवीर प्रजापति बचा रहे हैं !


क्या सुनील कुमार के साथ जातिवाद का खेल खेला जा रहा है या मुख्यालय के अफसरों की गर्दन दबी है

कई अफसर होंगे रिटायर, इसीलिये ‘गर्दन मरोड़’ अधिकारी और 1 स्टार चोरी करने वाले सैंकड़ों बीओ के खिलाफ नहीं हो बैठ रही जांच

संजय श्रीवास्तव

लखनऊ। होमगार्ड विभाग में बीओ राधेश मिश्र द्वारा एक महिला होमगार्ड के साथ ‘असभ्य’ चैटिंग और ‘बातचीत’ करने पर बर्खास्त कर दिया गया,कमांडेंट मनीष दूबे को ज्योति मौर्या से ‘संबंधों’ के चलते निलंबित कर दिया गया लेकिन इसी विभाग के आफिसर्स मेस में कमांडेंट मनोज कुमार का ‘गर्दन मरोडऩे’ और जान से मारने की धमकी देने वाले मंडलीय कमंाडेंट सुनील कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने से मंत्री की हालत खराब हो रही है। क्या अनुशासन की धज्जियां उड़ाने वाले सुनील कुमार ने मंत्री या मुख्यालय के सीनियर अफसरों के काले कारनामों का पुलिंदा दबा रखा है,जो वे उसके प्रति दयाभाव दिखा रहे हैं। चर्चा इस बात की है कि मई से लेकर दिसंबर के बीच तीन सीनियर अफसर रिटायर हो रहे हैं, इसीलिये सभी गर्दन मरोडऩे वाले अफसर और एक स्टार चोरी कर चल रहे सैंकड़ों बीओ के खिलाफ कार्रवाई के लिये पत्र लिखने से बच रहे हैं। ‘द संडे व्यूज़’ का सवाल यही है कि रिटायरमेंट करीब आते देख अफसरों की धार जांच के नाम पर कुंद हो गयी है या फिर जातिवाद का खेल खेला जा रहा है ?

एक तरफ पुलिस विभाग है जो अधिकारियों पर हमला करने वाले सिपाहियों को बर्खास्त कर देता है, उन्हें सजा करा देता है। दूसरी तरफ होमगार्ड विभाग है जो अपने नाम के अनुरूप ही काम भी करता है। यहां दिसंबर 2023 में मंडलीय कमांडेंट सुनील कुमार ने हरदोई के जिला कमांडेंट मनोज कुमार की गर्दन मरोड़ी, सरेआम अन्य अधिकारियों के सामने जान से मारने की धमकी दी, किंतु मामले में कुछ नहीं हुआ। मनोज कुमार ने घटना के दिन ही डीजी बी.के. मौर्य को लिखिल शिकायत कर कार्यवाही की मांग की थी। मनोज ने बताया था कि मैंने डीजी साहेब तक अपनी बात लिखित रुप से पहुंचा दी है,जो वे उचित फैसला करें। डीजी बी.के.मौर्य ने इस मामले में जांच आगरा परिक्षेत्र के डीआईजी संजीव शुक्ला को सौंपी गयी और उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी।

सूत्रों ने बताया कि जांच रिपोर्ट में सुनील कुमार को दोषी पाया गया और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिये भी लिखा गया लेकिन जांच रिपोर्ट को दबा दिया गया। ये तब हो रहा है जब डी.जी. बी.के. मौर्या अनुशासन प्रिय स्वयं को घोषित करते हैं और अनीति के खिलाफ कार्यवाही की बातें करते हैं। लग रहा है कि वो भी होमगार्ड विभाग में अब अपना समय काट रहे हैं मजे की बात तो यह है कि मुख्यालय पर बैठे सर्वेसर्वा आईजी विवेक सिंह का मई में और स्टॅाफ अधिकारी विनय मिश्र का दिसंबर में रिटायरमेंट है। लगता है सभी टाइम पास कर रहे हैं।

सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जिला कमांडेंट मनोज कुमार के ऊपर जानलेवा हमला करने वाले मंडलीय कमांडेंट सुनील कुमार को किसका आशीर्वाद प्राप्त है? क्या मंत्री जी या प्रमुख सचिव साहब उसको अपना प्रिय बनाये हुये हैं ? धर्मवीर प्रजापति वही मंत्री हैं जिन्होंने विभाग के बी.ओ. राधेश मिश्र को असभ्य चैटिंग और बातचीत के चलते बर्खास्त कर दिया था। कमांडेंट मनीष दूबे को ज्योति मौर्य से संबंधों के चलते निलंबित कर दिया था। किंतु इस मंडलीय कमांडेंट की बात आते ही मंत्री धर्मवीर प्रजापति की धार कुंद हो जाती है। क्या जातिवाद का खेल है या मुख्यालय के अधिकारियों की गर्दन दबी हुयी है ?

द संडे व्यूज़ मंत्री धर्मवीर प्रजापति से सवाल करता है कि क्या वे इस मंडलीय कमांडेंट के विरुद्ध क्या कार्यवाही करेंगे ? कमांडेंट मनोज कुमार को मारने के लिये क्या उसे पुरस्कृत करेंगे और फिर से मुख्यालय पर तैनाती करेंगे ? कमरा नंबर 4 में फाईल-फाईल खेलने पर क्या उसे शाबाशी देंगे या एक मेडल और देंगे ? द संडे व्यूज़ को विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि विनय कुमार मिश्र से इस मंडलीय कमांडेंट की दांत काटी रोटी है।


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