स्पोर्ट्स डेस्क,मुंबई। विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से कहा है कि वह टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना चाहते हैं। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। बोर्ड के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘कोहली ने अपना मन बना लिया है और बोर्ड को सूचित कर दिया है कि वह टेस्ट क्रिकेट को छोड़ने जा रहे हैं। बीसीसीआई ने उनसे पुनर्विचार करने का आग्रह किया है क्योंकि इंग्लैंड का अहम दौरा जल्द ही आने वाला है। कोहली ने अभी तक इस अनुरोध पर जवाब नहीं दिया है।

रोहित ने हाल ही में टेस्ट से संन्यास लिया था
कोहली ने यह फैसला रोहित शर्मा के कुछ दिन पहले टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद लिया है। भारत के चयनकर्ता अगले महीने इंग्लैंड में होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम चुनने के लिए कुछ दिनों में बैठक करने वाले हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कोहली इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के बाद से ही अपने टेस्ट में भविष्य पर विचार कर रहे हैं। दौरे पर पहले टेस्ट में शतक जड़ने के बाद कोहली ने बाकी मैचो में बेहद खराब बल्लेबाजी की थी।
न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खराब प्रदर्शन
कोहली ने पर्थ में पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 100 रन बनाने के बाद अन्य चार टेस्ट की सात पारियों में 90 रन ही बना पाए थे। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली ने पांच टेस्ट की नौ पारियों में 23.75 की औसत से 190 रन बनाए थे। उससे पहले कोहली का न्यूजीलैंड के भारत दौरे पर भी प्रदर्शन खराब रहा था। कीवियों के खिलाफ तीन टेस्ट की छह पारियों में वह 15.50 की औसत से 93 रन बना पाए थे।
क्या कोहली अपना फैसला बदलेंगे?
अगर कोहली अपना मन नहीं बदलते हैं तो रोहित के संन्यास के बाद भारत को एक और बड़ा झटका लगेगा। साथ ही भारतीय क्रिकेट में एक अध्याय भी समाप्त हो जाएगा। रोहित ने बुधवार को टेस्ट से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने भी इस प्रारूप में कीवियों और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन के बाद फैसला लिया था। रोहित और कोहली टी20 अंतरराष्ट्रीय से पहले ही संन्यास ले चुके हैं। ऐसे में अगर कोहली फैसला नहीं बदलते हैं, तो दोनों सिर्फ वनडे क्रिकेट में दिखाई पड़ेंगे।

रोहित ने क्यों लिया था टेस्ट से संन्यास?
रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई थी कि चयनकर्ता रोहित को इंग्लैंड दौरे के लिए कप्तान नहीं बनाना चाहते थे और उन्हें बतौर बल्लेबाज भेजना चाहते थे। रोहित के संन्यास के पीछे एक यह वजह भी हो सकती है। न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में रोहित ने तीन मैचों की छह पारियों में 15.17 की औसत से 91 रन बनाए। वहीं, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीन टेस्ट की पांच पारियों में हिटमैन 6.20 की औसत से 31 रन ही बना पाए।
इंग्लैंड दौरे पर नए कंधों पर होगी जिम्मेदारी?
रोहित के बाद अगर कोहली संन्यास लेते हैं तो भारतीय टीम का दारोमदार नए कंधों पर आ जाएगा। ऐसे में सारी जिम्मेदारी शीर्षक्रम में केएल राहुल, शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल पर आ जाएगी, जबकि मध्यक्रम पूरी तरह अनुभवहीन हो जाएगा। एकमात्र पंत ही ऐसे बल्लेबाज होंगे जिन्हें SENA देशों में खेलने का अनुभव होगा। ऐसे में इंग्लैंड में मध्यक्रम की जिम्मेदारी श्रेयस अय्यर, सरफराज खान, अभिमन्यू ईश्वरन, ध्रुव जुरेल और नीतीश रेड्डी जैसे खिलाड़ियों पर होगी। इसके अलावा रवींद्र जडेजा टीम में होंगे।
टीम को गाइड करने के लिए नहीं होगा कोई सीनियर?
इंग्लैंड दौरे के लिए शुभमन गिल कप्तानी की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। इसके अलावा जसप्रीत बुमराह भी रेस में हैं। अगर कोहली फैसला नहीं बदलते हैं तो दिसंबर 2014 के बाद पहली बार होगा कि टेस्ट टीम में न तो रोहित और न ही कोहली दिखेंगे और टीम इनमें से कोई एक भी टीम को गाइड करने के लिए नहीं होगा। कोहली दिसंबर 2014 में भारत के टेस्ट कप्तान बने और उसके बाद फरवरी 2022 में रोहित कप्तान बने थे।
टेस्ट में 36 साल के कोहली का प्रदर्शन
36 वर्षीय कोहली ने भारत के लिए 123 टेस्ट खेले हैं और 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए हैं। पिछले पांच वर्षों में उनका औसत गिरा है। इस दौरान 37 टेस्ट में उन्होंने तीन शतकों की मदद से 1,990 रन बनाए हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली आठ में से सात बार ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंद पर छेड़छाड़ करते हुए आउट हुए थे। कोहली ने हाल ही में आरसीबी के एक पॉडकास्ट में बताया था कि अब वह शायद ऑस्ट्रेलिया का दौरा नहीं कर पाएंगे।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विफलता को लेकर बात की थी
पॉडकास्ट में कोहली ने हाल के दौरे पर टेस्ट में नाकामी को लेकर भी बात की थी। मानसिक दबाव के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘एक बार जब आप बाहरी दबाव की वजह से निराश होना शुरू कर देते हैं, तो आप अपने आप पर अधिक बोझ डालना शुरू कर देते हैं। फिर आप चीजों के बारे में सोचना शुरू करते हैं, जैसे कि मेरे पास इस दौरे पर दो या तीन दिन बचे हैं, मुझे अब प्रभाव छोड़ने की जरूरत है। आप और अधिक हताश होने लगते हैं। मैंने ऑस्ट्रेलिया में भी इसका अनुभव किया है।’
‘खुद के साथ ईमानदार रहना चाहता हूं’
कोहली ने कहा, ‘क्योंकि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मैंने पहले टेस्ट में अच्छा स्कोर बनाया था। मैंने सोचा ठीक है, चलो अब मेरे लिए एक और बड़ी सीरीज होने वाली है। मन में ये सब चीजें आती हैं। मैं फिर ठीक है ठीक है कर चीजों को स्वीकार कर लेता हूं। मैं खुद के साथ ईमानदार रहना चाहता हूं। मेरे लिए यह है कि मैं क्या करना चाहता हूं या मेरी ऊर्जा का स्तर कैसा है।’
द्रविड़ ने की थी कोहली की मदद
आरसीबी के पॉडकास्ट में उन्होंने भारत के पूर्व कोच राहुल द्रविड़ के साथ एक बातचीत का खुलासा भी किया। कोहली ने बताया कि द्रविड़ से बात कर उन्हें अपने करियर के बारे में स्पष्टता मिली और उन्हें मानसिक दबाव से हटने में मदद मिली। उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ इस खेल को लेकर मेरे प्यार से है। और जब तक यह प्यार बरकरार है मैं क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा। द्रविड़ ने कहा कि मेरा प्रतिस्पर्धी स्वभाव मुझे संन्यास को स्वीकार करने की अनुमति नहीं देगा। मैं शायद एक और शायद छह महीने, जो भी हो, इस तरह सोचूंगा। आपको बस प्रार्थना करनी है कि आपको सही समय पर पता चले की कब ऐसा करना है।’