ब्यूरो, लखनऊ। सपा से निष्कासित होने के बाद विधायक पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात से राजनीतिक गलियारे में हलचल मची हुई है। राज्य सभा चुनाव में पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर पूजा पाल ने भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया था। उनके खिलाफ सपा ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।

माना जा रहा था कि पीडीए की राजनीति के चलते सपा पूजा पाल पर कार्रवाई से बच रही थी, लेकिन विधान सभा में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करके उन्होंने ये साफ कर दिया कि उनका भविष्य कहां हैं।
वहीं, सपा ने पूजा पाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर एक तरह से उनकी राह आसान कर दी है। सपा के शामिल होने और चायल से विधायक बनने के बाद अचानक ऐसी परिस्थितियां बनी की पूजा पाल भाजपा के पाले में खड़ी दिख रही हैं। माना जा रहा है कि जल्द ह वो भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगी। समाजवादी पार्टी और उनके कार्यकर्ताओं पर पूजा पाल जिस तरह से हमले कर रही हैं, उससे उनके तेवर का भी पता चल रहा है।
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी पूजा पाल ने उसी तेवर में जवाब दिया। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर लिखा कि मुझे चुनाव की चिंता नहीं है, मुझे पति के हत्यारों का टिकट जहन्नुम के लिए कटने की खुशी है। उनके इस कदम के कारण राजनीतिक नफा-नुकसान को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। लेकिन पूजा पाल ने साफ कर दिया है कि पति के हत्यारों को अंजाम तक पहुंचाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा ही उनका भविष्य है।