प्रयागराज। चुनावी सरगर्मी भी शुरू हो चुकी है। वहीं, अपनी पुरानी जमीन पर भी बहुजन समाज पार्टी के लिए ‘ठंडक’ ही है। प्रभावशाली चुनावी चेहरों के अभाव में पार्टी को कैडर की बैठकों में भी मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने में पसीने बहाने पड़ रहे हैं। बामसेफ, कैडर कार्यकर्ताओं, अनुसूचित जाति और युवाओं के वर्ग में पैठ जमाए रखने को पार्टी के पदाधिकारी एड़ी चोटी का जोर लगाए हैं तो मूल संदेश पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को प्रधानमंत्री बनाने का है। इसी बहाने बसपाई उपजाऊ जमीन भी तलाश रहे हैं।
बसपा की गांव-गांव के अलावा शहरी कैडर की बैठकें महीनों से जारी हैं। पिछले दिनों सोहबतियाबाग स्थित संत रविदास मंदिर में बामसेफ शैडो की बैठक हुई जिसमें प्रयागराज मीरजापुर मंडल के मुख्य मंडल प्रभारी अशोक गौतम ने कहा था कि जब तक बहुजन समाज हुक्मरान नहीं बनेगा, तब तक अपने समाज और देश का विकास नहीं कर सकते। कहा था कि 2007 में जिस तरह से दमदार चुनाव लड़ा था, वैसी ही तस्वीर आगामी लोकसभा चुनाव में बनाना है।
उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही कैडर की बैठकें मायावती को प्रधानमंत्री बनाने पर जोर दे रही हैं। नेताओं की यह जोर आजमाइश वर्तमान में केवल अपनी जमीन बनाने के लिए है क्योंकि 2012 के बाद के चुनावों में प्रदर्शन लचर ही होता गया है। प्रदेश में अपने शासनकाल में बसपा केवल फूलपुर से कपिल मुनि करवरिया को लोकसभा चुनाव जिता पाई थी। उसके बाद से पार्टी को निराशा का ही सामना करना पड़ा है।
बसपा जिलाध्यक्ष आरबी त्यागी कहते हैं कि पहले के सभी चुनावों के आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं। पार्टी की जमीन कहीं से न बिगड़ी है न बिखरी है। कहा कि मजबूत प्रत्याशी चुनाव में रहेगा। इसके लिए कई स्तर पर मंथन हो रहा है। बताया कि शीर्ष स्तर पर निर्णय के बाद उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे।