कमांडेंट मनोज कुमार की शानदार पहल : अवैतनिक अधिकारियों को आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने किया सम्मानित

वाह क्या बात है : अधिकारियों को तो मिलता ही है सम्मान लेकिन अवैतनिक होमगार्डों को कमांडेंट मनोज कुमार ने बनाया हीरो

द संडे व्यूज़ का सवाल : क्या वैतनिक अधिकारियों की तरह अवैतनिक कर्मचारियों को नहीं मिलना चाहिये सम्मान?

आबकारी मंत्री ने 200 होमगार्ड अधिकारियों,कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित

 संजय पुरबिया

लखनऊ। यदि मुख्यमंत्री किसी ईमानदार, कर्मयोगी अधिकारी या कर्मचारी को सम्मानित करते हैं तो उसका असर उनकी कार्यशैली में देखने को मिलता है। सम्मान पाने वाले अधिकारी या कर्मचारी पूरे मनोयोग से अपने काम को अंजाम देते हैं और उनकी कोशिश रहती है कि विभाग के साथ-साथ कुछ ऐसा करें जिससे सरकार का मान बढ़े। क्या आपने सुना है कि किसी विभाग में काम कर रहे अवैतनिक कर्मचारियों को किसी मंत्री से सम्मानित कराया गया है ? शायद नहीं आपका जवाब होगा-नहीं…। लेकिन होमगार्ड विभाग में तैनात हरदोई के कमांडेंट मनोज कुमार ने ऐसा कर अपनी बड़ी सोच को दर्शाया है। कमांडेंट ने गणतंत्र दिवस पर आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल से हरदोई के 200 होमगार्डों को सम्मानित कराने का काम किया है।  उन्होंने गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऐसे कर्मयोगियों को चुना जो अपनी डयूटी ईमानदारी और पूरे मनोयोग से करते रहे हैं। खास बात ये है कि इनमें सभी अवैतनिक अधिकारी और कर्मचारी ही हैं। चौंकिये मत,ये सच है…। वैतनिक अधिकारियों को तो सम्मान और तगमा हमेशा मिलते ही रहते हैं लेकिन अवैतनिक होमगार्डों को सरकार के किसी मंत्री से सम्मान दिलाना गौरव की बात होती है। जवान उत्साहित हैं और पूरी उम्मीद है कि वे बेस्ट परफार्मेंस देकर विभाग का नाम गौरवान्वित करेेंगे।


होमगार्ड विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री हैं धर्मवीर प्रजापति,जिसे जवान अपना अभिभावक मानते हैं। धर्मवीर प्रजापति ने विभाग को ऐसे मुकाम पर पहुंचा दिया है कि अब होमगार्डों को सम्मान के नजरिये से देखा जाने लगा। गणतंत्र दिवस के दिन हरदोई में कमांडेंट मनोज कुुमार ने आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल से 200 अवैतनिक होमगार्डों को सम्मानित कराया। बता दें कि होमगार्ड विभाग एक अलग तरीके का विभाग है । यहां दो प्रकार के अधिकारी और कर्मचारी पाये जाते हैं । एक होते है वैतनिक एवं दूसरे अवैतनिक। वैतनिक अधिकारी,कर्मचारी वो होते हैं जिनको सरकार वेतन देती है जबकि अवैतनिक में आते हैं होमगार्ड एवं अवैतनिक अधिकारी। इस विभाग में हमेशा से वैतनिक द्वारा अवैतनिक का शोषण किया जाता रहा है।

अवैतनिक अधिकारी को सरकार मानदेय। चूंकि सरकार के पास ज्यादा पैसा नही इस लिए सरकार इनको सम्मान दे कर इनसे काम लेती है । अवैतनिक अधिकारियों में आते है अवैतनिक कंपनी कमांडर, सहायक कंपनी कमांडर और प्लाटून कमांडर।वर्षो पहले कंपनी कमांडर वो होते थे जो संभ्रांत एवं अपने क्षेत्र के सम्मनित जन हुआ करते थे। जैसे जमीदार, निशानेबाज, मशहूर खिलाड़ी, बिजनेस मैन, जो अपने घर पर 100 लोगों को सम्मान पूर्वक चाय -नाश्ता कराने की हैसियत रखते थे । समय बदला और विभाग के कुछ अधिकारियों की मानसिकता के कारण इन अवैतनिक अधिकारियों को होमगार्ड की तरह ही बर्ताव किया जाने लगा ।

द संडे व्यूज को लखनऊ के अवैतनिक अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि 25 जनवरी को हरदोई में गणतंत्र दिवस के अवसर पर 200 होमगार्ड जवानों को उनके उत्कृष्ठत कार्य हेतु प्रशस्ति पत्र बांटा गया। सभी अवैतनिक कम्पनी कमांडर, सहायक कंपनी कमांडर एवं प्लाटून कमांडर को स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा सम्मानित कराया गया। सभी कंपनी कमांडर को शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र दिया गया। जनपद हरदोई की इस अनूठी पहल से पूरे प्रदेश के अवैतनिक अधिकारी गौरवान्वित हैं एवं वो चाहते हंै कि सरकार उन्हें जो मानदेय महीने का 800 या 900 देती है, वो भले ही ना दे , लेकिन एक अधिकारी वाला जो सम्मान मिलता है, जिसके वो हकदार है वो उन्हें जरूर मिले। द संडे व्यूज हमेशा से होमगार्ड के कल्याण की बात जोरदार तरीके से करता है इसलिये द संडे व्यूज का भी यही मानना है कि अधिकारी तो अधिकारी ही हैं, चाहे वो सैलरी ले रहा हो या मानदेय, सम्मान के हकदार दोनों हैं …।

Post Author: thesundayviews

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