गाजियाबाद फर्जी मुठभेड़ मामला: सेवानिवृत्त एसओ समेत 5 को उम्रकैद और 4 पुलिसकर्मियों को पांच साल की सजा

संवाददाता

गाजियाबाद । एटा में वर्ष 2006 में फर्जी मुठभेड़ में बढ़ई की हत्या करने के मामले में गाजियाबाद स्थित सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश परवेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने सेवानिवृत्त एसओ समेत नौ पुलिसकर्मियों को बुधवार को सजा सुनाई। सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक अनुराग मोदी ने बताया कि तत्कालीन एसओ सिढपुरा पवन सिंह, तत्कालीन उपनिरीक्षक श्रीपाल ठेनुआ, कांस्टेबल सरनाम सिंह, राजेंद्र प्रसाद, मोहकम सिंह को हत्या व साक्ष्य मिटाने के दोष में उम्रक़ैद की सजा सुनाई गई।

इन पांचों पर 33-33 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया, जबकि साक्ष्य मिटाने के दोष में कांस्टेबल बलदेव प्रसाद, अवधेश रावत, अजय कुमार, सुमेर सिंह को पांच साल कैद की सजा सुनाते हुए प्रत्येक पर 11-11 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। 18 अगस्त 2006 को एटा जिले के सिढपुरा थानाक्षेत्र में बढ़ई राजाराम को डकैत बताकर पुलिसकर्मियों ने फर्जी मुठभेड़ में उसकी हत्या कर दी थी। उसके खिलाफ एक भी मुकदमा दर्ज नहीं था। मृतक बढ़ई की पत्नी ने हाई कोर्ट में सीबीआइ जांच कराने की अर्जी दायर की थी। हाई कोर्ट के आदेश एक जून 2007 को मामला सीबीआइ को स्थानांतरित हुआ। 22 दिसंबर 2009 को सीबीआइ ने उपरोक्त के ख़िलाफ़ हत्या, अपहरण व साक्ष्य मिटाने के आरोप में आरोप पत्र पेश किया था। मंगलवार को सीबीआइ अदालत में उपरोक्त सभी को दोषी करार दिया था।

Post Author: thesundayviews

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *