
दोनों गिरफ्तार अभियुक्तों ने अपने साथियों एवं कुछ अन्य साइबर अपराधियों के साथ षड्यंत्र करके बैंक से 146 करोड़ रुपये उड़ाने की योजना बनाई थी, लेकिन साइबर क्राइम पुलिस की तत्परता से यह रकम खातों में स्थानान्तरित नहीं हो पाई।
आरएस दुबे ने हैकरों से साठगांठ कर उन्हें बैंक की रेकी कराई तथा बैंक के संवेदनशील स्थल कंप्यूटर कैश पर ले गया। इसके बाद बैंक के आईडी-पासवर्ड की चोरी करते हुए कूटरचना के माध्यम से अनधिकृत रूप से सहकारी बैंक मुख्यालय हजरतगंज से पूर्व चिह्नित विभिन्न बैंक खातों में धन स्थानान्तरित किया गया।