डीआईजी साहेब,सरकार के खिलाफ व्हाटसअप ग्रुप पर आग उगलने वाले हवलदार प्रशिक्षक के खिलाफ क्यों नहीं की कार्रवाई ?
प्रकरण:
1- रामनगर ट्रेनिंग सेंटर पर तैनात हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत कर रहा है राजनैतिक दल का प्रचार,ग्रुप में जुड़े हैं डीआईजी से लेकर कई अधिकारी
2- निजी व्हाटसअप ग्रुप में प्रधानमंत्री,सरकार के खिलाफ किया निंदनीय शब्दों का इस्तेमाल
3-मुख्यालय पर तैनात डीजी,डीआईजी सहित सभी अधिकारी मामले से अवगत,नहीं हुयी कार्रवाई…
द संडे व्यूज़ के पास हवलदार प्रशिक्षक को बचाने में जुटे हैं विभागीय पैरोकार…
संजय पुरबिया
लखनऊ। क्या राज्य कर्मचारियों को ये अधिकार मिला है कि वे अपने निजी व्हाटसअप ग्रुप पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘मोदी मियां‘ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करे ? क्या सरकार में बैठे ब्यूरोक्रेटस ने शासनादेश जारी किया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विभाग में तैनात कर्मचारी सरकार के खिलाफ धड़ल्ले से आग उगले ? यदि नहीं, तो फिर होमगार्ड विभाग के कर्मचारी किस नियमावली के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘मोदी मियां’ बोल रहे हैं? किस हैसियत से कर्मचारी राज्य सरकार के खिलाफ बेखौफ होकर अपने-अपने व्हाटसअप ग्रुप, विभागीय ग्रुप पर धड़ल्ले से सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं ? चौंकाने वाली बात यह है कि अभी तक डीजी विजय कुमार ने प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘निंदनीय शब्दों’ का इस्तेमाल करने वाले हवलदार प्रशिक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की ? इससे साफ जाहिर हो रहा है कि ऐसे कर्मचारियों पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का पूरा शह है, तभी तो इनमें आचरण नियमावली, सरकार और चुनाव आयोग का खौफ नहीं है। द संडे व्यूज़ देशहित में सवाल कर रहा है कि आखिर रामनगर ट्रेनिंग सेंटर में तैनात हवलदार प्रशिक्षक अंजन कुमार भगत ने जब अपने निजी और विभागीय ग्रुप पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भारत सरकार के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया तो विभाग के डीजी विजय कुमार और डीआईजी, सीटीआई विवेक सिंह ने उसके खिलाफ अभी तक क्यों नहीं कार्रवाई की ? क्या डीजी की शह पर इस विभाग के कर्मचारी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं ? यदि ऐसा है तो विभाग में एक लाख 18 हजार होमगार्डों के अलावा वैतनिक कर्मचारियों की बड़ी संख्या है, जो सरकार बनाने और गिराने का दम रखते हैं…। सोचने की बात यह है कि आचार संहिता ने तो मामले को गंभीरता से लेते हुये ट्रेनिंग सेंटर के मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार से जवाब-तलब किया है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं भेजा गया है। मुख्यालय के अधिकारियों को गुमराह करने में माहिर कटियार क्या जवाब देते हैं, इस पर द संडे व्यूज़ की नजर है। चौंकाने वाली बात यह है कि आखिर होमगार्ड मुख्यालय पर बैठे जाबांज अधिकारी चुप्पी क्यों साध रखे हैं ? कहीं मुख्यालय से कोई अधिकारी ऐंटी गवर्नमेंट कैंप तो नहीं चला रहा है…। चुनाव सिर पर है और मामले को गंभीरता से लेते हुये राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को इस पर कार्रवाई करना चाहिये क्योंकि यदि अधिकारी अपने मंसूबे में कामयाब हो गये तो सरकार को बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा…।
शर्मनाक बात तो यह है कि एक हवलदार प्रशिक्षक अंजन कुमार भगत ने अपने निजी व्हाटसअप ग्रुप में प्रधानमंत्री के खिलाफ मोदी मियां जैसे घटिया शब्दों का इस्तेमाल किया और इसकी जानकारी डीजी से लेकर मुख्यालय पर बैठे सभी अधिकारियों को हुयी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। हवलदार प्रशिक्षक के खिलाफ कार्रवाई ना करने से गलत संदेश राज्य कर्मचारियों में जाने की संभावना है। सीधी बात करें तो यही हाल रहा तो प्रदेश के सभी राज्य कर्मचारी अपने प्रधानमंत्री के खिलाफ आग उगलने लगेंगे…। बात जो भी हो,डीजी और डीआईजी की खामोशी से साफ जाहिर है कि शायद इनलोगों के मुताबिक हवलदार प्रशिक्षक सही है…
बता दें कि द संडे व्यूज़ ने 18 जनवरी को 2022 को खुलासा किया था। शीर्षक हवलदार प्रशिक्षक ने पहले भी कई बार ‘निजी व्हाटसअप ग्रुप’ में ‘प्रधानमंत्री’ नरेन्द्र मोदी के खिलाफ उगला है आग…।
1- अंजन कुमार भगत ने नवंबर माह में अपने निजी व्हाटसअप ग्रुप पर डाला था कि जनार्दन रेड्डी भाजपा नेता ने 500 करोड़ में बेटी की शादी की। अब सवाल सिम्पल सा है ? ? 500 करोड़ पुराना नोट था या नया ? अगर पुराना था तो सधारण रूप में कैसे चला ? और अगर नया नोट था तो इतना नया नोट उसके पास कहां से आया जबकि एक सामान्य व्यक्ति के बचत खाते से निकासी लिमिट 24000 रुपया साप्ताहिक है और मासिक लिमिट 50000 है। मोदी मियां जनता जवाब चाहती है।
2- फरवरी माह में एक हेडिंग डाला है जिसमें लिखा है कि 25 लाख मांगे थे जो मैं नहीं दे पाया इसीलिये बीजेपी ने मुझे निकाल दिया।
3- १ मार्च को पोस्ट किया कि अफजल गुरु आतंकवादी नहीं शहीद है ऐसा महबूबा मुफ्ति और उसकी पार्टी पीडीपी मानता है तो फिर देशभक्त भाजपा ने सत्ता के लालच में पीडीपी के साथ मिलकर सरकार क्यों बनायी? अगर है हिम्मत तो भक्त इस बात का जवाब दें।
इसी तरह के कई और पोस्ट हैं जो ऐंटी बीजेपी है। चलिये ये अंजन भगत का अपना निजी व्हाटसअप ग्रुप है लेकिन क्या एक सरकारी कर्मचारी सरकार विरोधी बयान अपने निजी व्हाटसअप पर डाल सकता है ? क्या ये आचरण नियमावली का उल्लंघन नहीं है ? क्या और सबूत चाहिये ?