मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र, रामनगर ट्रेनिंग सेंटर: कटियार कहें,शैलेन्द्र सिंह ने अंजन भगत को बनाया बैंडमैंन !

गुरू-चेले का रामनगर ट्रेनिंग सेंटर पर आतंक : 9 सीनियर बैंडमैन को दरकिनार कर चेला अंजन भगत बना बैंड इंचार्ज

मंडल ने चेले को बनाया मुखबिर :अंजन भगत ने 2017 से नहीं पहनी वर्दी,नहीं चलायी टोली

 

      वैभव पाण्डेय

वाराणसी। होमगार्ड विभाग को घर का चौकीदार कहा जाये तो सही होगा। नहीं समझे,होम का गार्ड। यहां क्या है कि अधिकारी से लाख दर्जा सकारात्मक सोच तो होमगार्डों का है। कम से कम इनमें एकता तो देखने मिलता है। जहां तक अधिकारियों की बात है तो उनका सिर्फ एक ईमान है कडक़ वर्दी पहनकर कडक़ नोट वसूलो…। अधिकारी ये बात भी भलीभांति जानते हैं कि जवानोंं के खून-पसीने की कमाई पर मौज करने का अंजाम ऊपर वाला देर-सवेर देता जरुर है। कोई हॉस्पिटल में अपनी मौत के लिये दुहाई करता है तो किसी का परिवार खून का आंसू रोता है। इस विभाग के अफसरों के मुंह हराम की कमाई इस तरह से धर कर गयी है कि वे नियम तो किसी सूरत में मानने को तैयार नहीं है। सरकारी नियमों को तो डस्टबिन में आंख बंदकर डाल देते हैं। तभी तो पूरे प्रदेश में मंडलीय कमांडेंट और कमांडेंट की वसूली धड़ल्ले से जारी है और मुख्यालय पर बैठे चंद आका एसिया वाले कमरवा में जै-जै बोलकर माल बटोर रहे हैं। अब देखिये,वाराणसी के रामनगर ट्रेनिंग सेंटर पर (गुरु) मंडलीय कमांडेंट गिरिश चंद्र कटियार और (चेला) अंजन भगत हवलदार प्रशिक्षक, किस तरह से डीजी के नियमावली की धज्जियां उड़ा रहे हैं। यहां पर तैनात 9 वरिष्ठ हवलदार प्रशिक्षकों को दरकिनार कर अंजन भगत को बैंड इंचार्ज बना दिया गया है। मंडलीय कमांडेंट कटियार का जवाब है कि अंजन को पूर्व के कमांडेंट शैलेन्द्र सिंह प्रमोट कर के गये हैं। भईया,वर्ष 2017 से अंजन भगत ना तो वर्दी पहने हैं और ना ही कभी टोली चलवाने का काम किया। हां, दो काम अंजन पूरे भक्तिभाव से करते हैं- 1 – कटियार को कहीं जाना हो तो कटवा कर कन्फर्म करा देते हैं टिकट  2- ट्रेनिंग सेंटर की शानदार मुखबरी अब अधिकरी त कुछऊ काम करिहें ना,खाली चमचन से मुस्करा के बतिया दिहें तो ओतने में चेलवा बउरा जा लन सन अउर सोचे लन सन कि हमही हईं डीजी…।


रामनगर ट्रेनिंग सेंटर पर वरिष्ठ बैंड इंचार्ज की रेस में मनोज सिंह, संतोष शर्मा, रामसुवन सिंह, विभूति नारायण, नागेन्द्र कुमार, संतोष कुमार, रामेश्वर प्रसाद, प्रमोद कुमार, प्रमोद भारती, श्रीकृष्ण सिंह और श्याम सुंदर बिंद पहले से ही मौजूद हैं। इनकी वरिष्ठता की अनदेखी कर वर्ष 2017 में तात्कालीन कमांडेंट शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने चाटुकारिता और मुखबिरी में माहिर अंजन भगत को बैंड इंचार्ज बना दिया था। शैलेन्द्र जी तो चले गयें। ट्रेनिंग सेंटर पर तैनात हो गये मंडलीय कमांडेंट जी.एस.कटियार और साहेब को अपना टिकट कटवाना रहता है,फिर क्या था इन्होंने भी चमचागिरी में माहिर अंजन भगत को दे दिया आशीर्वाद। चर्चा है कि मंडलीय कमांडेंट कटियार कई बार कह चुके हैं कि मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र, रामनगर में तैनात पूर्व के कमांडेंट शैलेन्द्र प्रताप सिंह ही अंजन भगत को बैंड इंचार्ज बनाकर गये हैं। अरे सरकार, ‘ पूर्व ‘ वाला चमचन के पसंद कईले बाडऩ त का तूहो गलत करबा…। गल्ती किसकी है शैलेन्द्र प्रताप सिंह की या कटियार की,कुंठित हो रहे हैं वरिष्ठता क्रम में आगे रहने वाले 9 बैंड इंचार्ज। जहां तक मुख्यालय पर बैठे डीआईजी की बात है तो इससे उनका कोई लेना-देना नहीं,क्योंकि…।

देखत रह,अगला अंक में खूब मजा आयी ऐ बाबू…

Post Author: thesundayviews

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