संवाददाता
लखनऊ।
उत्तर रेलवे में 13 साल बाद हो रही जूनियर इंजीनियर पद के लिए शनिवार को होने वाली परीक्षा स्थागित कर दी गई है। जानकारों की मानें तो आवेदनों में काफ ी गड़बडिय़ां सामने आई हैं। इसके बाद परीक्षा निरस्त करने का फैसला लिया गया है। वहींए परीक्षा निरस्त होने से सबसे अधिक मायूसी इंजीनियरिंग विभाग में तैनात कर्मचारियों में है। जिनकी प्रमोशन का रास्ता फि र से अटक गया है।
रेलवे इंजीनियरिंग विभाग में तैनात कर्मचारियों के लिए विभागीय कोऑपरेटिव परीक्षा आयोजित कराई जाती है। परीक्षा में पास होने के बाद कर्मचारियों का ग्रेड पे 1800 से बढ़ कर 4200 तक हो जाता है। 13 साल से इंजीनियरिंग विभाग में तैनात कमज़्चारी इस परीक्षा का इंतजार कर रहे थे। लखनऊ मंडल में 91 खाली पदों के लिए ये परीक्षा आयोजित होना थी। परीक्षा आलमबाग स्थित डीजल शेड में होना थी। परीक्षा से पहले आवेदनों की जांच में ही गड़बडिय़ां सामने आना शुरू हो गई। इसमें कई आवेदन ऐसे पाए गए थे, जिसमें नियमों के खिलाफ शामिल कर लिया गया था। इसमें कई अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई थी।
रेलवे कर्मचारी ट्रैकमेंटेर एसोसिएशन के महासचिव जी गणोश्वर राव के मुताबिक 47 साल से अधिक उम्र के कर्मचारी इस परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते हैं। यूनियन व अधिकारियों ने सेटिंग करके 47 साल से ऊपर उम्र के आवेदनों को स्वीकार कर लिया था। बाकायदा इसके लिए मोटी रकम भी आवेदनकताओं से वसूली गई थी।
यूनियन व अधिकारियों की सेटिंग ने सही आवेदनकताओं के सपने को साकार होने से रोक दिया। मंडल में जूनियर इंजीनियर पाथवे के 91 पदों के लिए 300 से अधिक आवेदन आए थे। इसमें 130 आवेदन ही स्वीकार किए गए। जिन आवेदनों को स्वीकार किया गया। उसमें कई कमज़्चारियों की उम्र 56 साल तक है।
जानकारों के मुताबिक लिस्ट में 21वें नम्बर शामिल रेलकमीज़् अनिल कुमार की उम्र 56 साल है जबकि 10वें नम्बर पर शामिल राजनारायण 53 साल के है। नियमों के खिलाफ जाकर यूनियन व अधिकारियों से सेटिंग करके नियम विरूध इनके आवेदन भी स्वीकार कर लिए गए। कर्मचारियों के विरोध के चलते परीक्षा स्थागित कर दिया गया।