नई दिल्ली
जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने गुरुवार (1 फरवरी) को लोकसभा में देश का आम बजट पेश कर दिया है। जानिए इस बजट में वित्त मंत्री ने किस सेक्टर के लिए क्या ऐलान किया है?
इनकम टैक्स छूट सीमा-
आयकर छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए 40,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन यानी जितना वेतन है उसमें से 40,000 रुपये घटाकर जो रकम बचेगी उस पर टैक्स लगेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए मेडिक्लेम 50000 तक दिया जाएगा। 1.89 करोड़ कर्मचारियों ने 1.44 करोड़ रुपये का आयकर दिया जाएगा।
250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत टैक्स बढ़ाया गया 2018-19 में वित्तीय घाटा जीडीपी का 3.3 प्रतिशत रखने का लक्ष्य फिर से रखा गया जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष में वित्तीय घाटा 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। डायरेक्ट टैक्स वसूली 12.6 प्रतिशत तक बढ़ाई गई। इस साल से 85 लाख 51 हजार नए करदाता जुड़े। राष्ट्रपति की तनख्वाह पाँच लाख होगी, उपराष्ट्रपति की चार लाख रुपये और राज्यपाल की तनख्वाह साढ़े तीन लाख तक होगी। सांसदों का वेतन भी बढ़ेगा और हर पांच साल में सांसदों के भत्ते की समीक्षा की जाएगी। 2018-19 में विनिवेश से 80,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुद्रा योजना के लिए तीन लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि नए कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में 12 फीसदी का योगदान सरकार करेगी। जबकि महिलाओं के लिए शुरुआती तीन सालों के लिए ईपीएफ योगदान घटाकर 8 फीसदी रखा गया है जबकि 70 लाख नई नौकरियां बनाने का लक्ष्य रखा गया है। टेक्सटाइल सेक्टर के लिए बजट बढ़ा कर 7148 करोड़ रुपये किया गया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत छह करोड़ से अधिक शौचालयों के निर्माण की बात की गई। जबकि 2018-19 में दो करोड़ नए शौचालय बनाने का लक्ष्य, 8 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जाने की घोषणा की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के लिए 14.34 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया जबकि इफ्रांस्ट्रक्चर के लिए 50 लाख करोड़ रुपये जरूरत की बात कही।
कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था-
2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। जेटली ने कहा कि कम लागत में अधिक फसल उगाने पर सरकार जोर दे रही है वहीं किसानों को उनकी उपज का अधिक दाम दिलाने पर सरकार का फोकस। कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर 275 मिलियन टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ। उपज पर लागत से डेढ़ गुना अधिक दाम मिले।
वहीं सरकार ने किसानों को उनके लागत का डेढ़ गुना देंने की घोषणा की जबकि खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना है। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर 8 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है। जबकि कृषि प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए 1400 करोड़ रुपये का अनुदान दिया। 500 करोड़ रुपये की लागत से ऑपरेशन ग्रीन की घोषणा जबकि किसानों को कर्ज के लिए बजट में 11 लाख करोड़ रुपये दिए जाने का प्रस्ताव। देश में 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाएंगे जबकि अब पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड मिलेगा। जेटली ने कहा कि विदेशी निवेश में बढ़ावा हुआ है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा
वित्त मंत्री ने कहा कि 2018-19 के लिए स्वास्थ्य शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा पर बजटीय व्ययों का अनुमान 2017-18 के 1.22 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 1.38 लाख करोड़ रुपये है। शिक्षा के क्षेत्र में वर्ष 2022 तक खेल और कौशल विकास में प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा 50 प्रतिशत से ज्यादा की अनुसूचित जनजाति आबादी वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार सामाजिक-आर्थिक जातीय जनगणना के अनुसार वृद्धों, विधवाओं, बेसहारा बच्चों, दिव्यांगजनों और वंचित लोगों के प्रत्येक परिवार तक पहुंचने के लिए एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा तथा संरक्षण कार्यक्रम कार्यांवित कर रही है। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के लिए वर्ष 2018-19 में 9975 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2022 तक शिक्षा में आधारभूत सुविधाओं और प्रणालियों को पुन: मजबूत बनाने के लिए अगले चार वर्षों में एक लाख करोड़ रुपए के निवेश का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्येता पहल के तहत श्रेष्ठ संस्थानों से हर वर्ष एक हजार उत्कृष्ट बीटैक छात्रों की पहचान की जाएगी और उन्हें आईआईटी, आईआईएससी में पीएचडी करने के लिए सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। वित्त मंत्री ने 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को दायरे में लाने के लिए एक फ्लैगशिप राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना को प्रारंभ करने की घोषणा की जिसके तहत द्वितीयक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष कवरेज प्रदान की जाएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 की परिकल्पना के अनुसार 1.5 लाख केंद्र स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को घर तक पहुचाएंगे। इस कार्यक्रम के लिए 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
रेलवे बजट वर्ष 2018-19
हवाई परिवहन
एक नवीन पहल नाभ निर्माण के अंतर्गत प्रतिवर्ष एक बिलियन आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए हवाई अड्डा क्षमता में पांच गुणा विस्तार करने का प्रस्ताव बजट में दिया गया है। इसके अलावा सरकार ने पिछले वर्ष प्रारंभ की गई उड़ान नामक क्षेत्रीय योजनाओं के अंतर्गत 56 हवाई अड्डों और 31 हैलीपैडों को पुन: जोड़ा जाएगा जिनमें अभी सेवाएं प्रदान नहीं की जा रही है।
वित्त-
बांड बाजार से कोषों के निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्री ने नियामकों से निवेश वैद्यता के लिए एए से ए रेटिंग की ओर बढ़़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार भारत में अंतरराष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र में सभी वित्तीय सेवाओं को नियमित करने के लिए एकीकृत प्राधिकरण की स्थापना करेगी।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत-बैंकों तथा डाकघरों में जमा राशि पर ब्याज आय में छूट 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की गई है तथा आयकर धारा 194ए के तहत स्रोत पर आयकर की कटौती नहीं की जाएगी। यह लाभ सावधि जमा योजनाओं तथा आवर्ती जमा योजनाओं में प्राप्त होने वाले ब्याज के लिए भी उपलब्ध होगा। धारा 80डी के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या चिकित्सा व्यय हेतु कटौती सीमा को 30 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। अब सभी वरिष्ठ नागरिक किसी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या किसी चिकित्सा के संदर्भ में 50 हजार रुपये प्रतिवर्ष तक कटौती के लाभ का दावा कर सकेंगे।
धारा 80डीडीबी के अंतर्गत गंभीर बीमारी से संदर्भ में चिकित्सा खर्च के लिए कटौती सीमा को वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 60 हजार रुपये से और अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 80 हजार रुपये से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक लाख रुपए का प्रस्ताव किया। इन रियायतों से वरिष्ठ नागरिकों को 4 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर लाभ प्राप्त होगा।
टैक्स रियायतों के अतिरिक्त वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को मार्च 2020 तक बढ़ाया गया है। इस योजना के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा 8 प्रतिशत निश्चित प्रतिलाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत प्रति वरिष्ठ नागरिक 7.5 लाख रुपये की मौजूदा निवेश सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र (आईएफएससी) में स्थित स्टॉक एक्सचेंज में व्यापार बढ़ाने के उद्देश्य से आईएफएससी के लिए दो अन्य रियायतों का प्रस्ताव है। अनिवासी भारतीयों द्वारा डेरिवेटिव और कुछ प्रतिभूतियों के हस्तांतरण को पूंजीगत लाभ में रियायत की घोषणा की है। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र में कार्य करने वाले गैर-कॉरपोरेट कर प्रदाताओं पर 9 प्रतिशत का वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी) लगेगा, जो कॉरपोरेट पर लगने वाले न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) के समान होगा।